Edited By Ekta, Updated: 24 Jun, 2018 09:11 AM
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सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द जी.आई. श्रेणी दर्जा प्राप्त उत्पादों में शामिल बासमती चावल, दार्जिलिंग-टी, चंदेरी कपड़े, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, लखनऊ कढ़ाई आदि प्रोडक्ट देश के सभी हवाई अड्डों पर मिलने लगेंगे। इसको लेकर प्रदेश सरकार व केंद्र...
नई दिल्ली/शिमला: सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द जी.आई. श्रेणी दर्जा प्राप्त उत्पादों में शामिल बासमती चावल, दार्जिलिंग-टी, चंदेरी कपड़े, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, लखनऊ कढ़ाई आदि प्रोडक्ट देश के सभी हवाई अड्डों पर मिलने लगेंगे। इसको लेकर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार तेजी से काम कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने खुद उत्पादों का स्टॉल खोलने के लिए नीति बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस पहल से इन उत्पादों को देश में बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में देश के सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर देशभर के जी.आई. उत्पादों को प्रदर्शित करने का भी सुझाव दिया है। भौगोलिक सांकेतिक यानी जी.आई. श्रेणी में ऐसे कृषि, प्राकृतिक या फिर विनिर्मित उत्पाद जैसे की हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान आते हैं, जोकि किसी खास भौगोलिक परिवेश में पैदा होते हैं। मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि प्रभु ने सभी हवाई अड्डों पर जी.आई. उत्पादों का स्टॉल लगाने के लिए अधिकारियों को नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मंत्री ने कोंकण क्षेत्र के कृषि उत्पादों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जी.आई. संबंधित उत्पादों के बारे में अभियान चलाने के भी निर्देश दिए ताकि इसके फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। बता दें कि देश में जी.आई. श्रेणी का दर्जा प्राप्त उत्पादों में बासमती चावल, दार्जिलिंग-टी, चंदेरी कपड़े, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय व लखनऊ कढ़ाई आदि प्रमुख हैं।