देश सेवा के बाद फौजी ने इस गांव को बनाया Dream Village

Edited By kirti, Updated: 13 Feb, 2020 02:07 PM

after serving the country the army made this village dream village

कुल्लू के प्राकृतिक सुंदरता से भरे गांव आज बाहरी राज्यों के पर्यटकों का मन मोह रहे हैं तो वहीं उपमंडल बंजार का जीभी गांव भी देसी व विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहा हैं। जीभी गांव जहां गर्मियों में सैलानियों से भरा रहता है

कुल्लू(मनमिंदर): कुल्लू के प्राकृतिक सुंदरता से भरे गांव आज बाहरी राज्यों के पर्यटकों का मन मोह रहे हैं तो वहीं उपमंडल बंजार का जीभी गांव भी देसी व विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहा हैं। जीभी गांव जहां गर्मियों में सैलानियों से भरा रहता है तो वहीं सर्दियों में भी यहां की सुंदरता को निहारने के लिए पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन कुछ सालों पहले इस गांव को कोई नहीं जानता था। इस गांव के एक व्यक्ति की दृढ़शक्ति से यह टूरिज्म का हब बनता जा रहा है। ग्रामीण भगवंत सिंह राणा के प्रयासों से आज पूरे गांव में इको टूरिज्म पॉलिसी के तहत छोटे-छोटे गेस्ट हाउस व कॉटेज का निर्माण किया जा रहा है। तो वही गांव की सुंदरता को बचाए रखने के लिए भी इनका प्रयास सराहनीय है।
PunjabKesari

साल 1992 में सेना की नौकरी छोड़ने के बाद जब भगवान सिंह राणा वापस अपने जीभी गांव आए तो यहां की सुंदरता को पूरे दुनिया में उबारने के लिए उन्होंने इको टूरिज्म की शुरुआत की। हालांकि उनके इस प्रयास को देखकर पहले गांव के लोग उन्हें पागल समझते थे। लेकिन धीरे-धीरे जब जीबी गांव के सौंदर्य को देखने के लिए पर्यटक यहां पहुंचने लगे और यहां के लोगों के लिए भी रोजगार के द्वार खुलते गए। भगवान सिंह राणा ने जीभी खड्ड में बनने वाले हाइड्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ भी लंबी लड़ाई लड़ी और आखिर इस लंबी लड़ाई का नतीजा उनके पक्ष में आया। उसके बाद से गांव के कई युवा भी उनकी इस मुहिम के साथ जुड़ते गए और आज जीभी गांव किसी परिचय का मोहताज नहीं है। जिला कुल्लू के अन्य पर्यटन स्थलों पर बड़े-बड़े कंक्रीट के भवनों को देखकर उन्होंने निर्णय लिया कि जीभी गांव में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मिट्टी के पुराने घरों का निर्माण किया जाएगा जो पूरी तरह से पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं।
PunjabKesari

वहीं जीभी गांव को कचरे से मुक्त रखने के लिए भी वे ग्रामीणों के संग मिलकर अभियान चलाते हैं तथा इस बारे में विशेष रूप से स्कूल के बच्चों को भी जागरूक किया जाता है। भगवान सिंह राणा ने बात करते हुए बताया कि सेना की नौकरी के दौरान जब उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी तो उन्हें वह वहां के जंगलों को देखकर लगा कि ठीक वैसे ही जंगल और पर्यावरण उनके गांव में भी है तो ऐसे में वहां पर भी पर्यटन को शुरू किया जा सकता है। इस मुहिम में वे काफी समय तक अकेले ही चले रहे लेकिन जब पर्यटकों का आना बढ़ने लगा तो गांव के कुछ और अन्य लोग भी उनके साथ इस मुहिम में जुड़ गए। जिसका नतीजा यह है कि अब हर साल हजारों सैलानी जीभी गांव आते हैं और ग्रामीणों को घर पर ही रोजगार मिल रहा है। अब ग्रामीणों ने भी यह निर्णय लिया है कि वह कंक्रीट के भवन ना बनाकर अपने घरों को मिट्टी पत्थर और लकड़ी से बनाएंगे ताकि यहां आने वाले पर्यटक अपने आप को प्रकृति के नजदीक महसूस कर सकें।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!