Nepal में 900 मैगावाट पावर प्रोजैक्ट का निर्माण करेगा SJVNL

Edited By Updated: 23 Feb, 2017 11:51 PM

900 mw power project in nepal will build sjvnl

भारत नेपाल में 900 मैगावाट का  अरुण चरण 3 पावर प्रोजैक्ट का निर्माण करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से हरी झंडी मिल गई है।

शिमला: भारत नेपाल में 900 मैगावाट का  अरुण चरण 3 पावर प्रोजैक्ट का निर्माण करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से हरी झंडी मिल गई है। कमेटी ने पड़ोसी देश में पावर सैक्टर में निवेश के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसका निर्माण हिमाचल और केंद्र सरकार के संयुक्त उपक्रम सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे. वी.एन.एल.) के माध्यम से होगा। इसी सिलसिले में निगम के अफसरों ने दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और कैबिनेट कमेटी से अनुमोदन करने के लिए आभार जताया। 

सतलुज जलविद्युत निगम करेगा निर्माण
यह प्रोजैक्ट रन ऑफ दि रिवर आधारित होगा। इस पर भारत 5723 करोड़ निवेश करेगा। यह निवेश बढ़ भी सकता है। प्रोजैक्ट अरुण नदी पर तैयार होगा। इसके लिए 70 मीटर ऊंचा बांध भी बनेगा। इसका निर्माण सतलुज जलविद्युत निगम करेगा। निगम ने इस संबंध में आगे पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बनाई है। यह कंपनी नेपाल के कंपनी एक्ट के अनुसार पहले ही 25 अप्रैल, 2013 को पंजीकृत हो चुकी है।

नेपाल के संखुवासभा जिले में बनेगा प्रोजैक्ट
प्रोजैक्ट पर मई, 2015 के मूल्य स्तर पर अनुमानित लागत 5723.72 करोड़ आंकी गई है। 5 साल के भीतर इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। इसका निर्माण नेपाल के संखुवासभा जिले में होगा। एस.जे.वी.एन.एल. के अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक रमेश नारायण मिश्र ने वरिष्ठ अफसरों के साथ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने मुलाकात की। उन्होंने निगम पर भरोसा जताने के लिए मंत्री का आभार व्यक्त किया। 

कैसे हुआ आबंटन
एस.जे.वी.एन.एल. ने इस प्रोजैक्ट को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बोली के माध्यम से प्राप्त किया था। इसे बूट आधार पर आबंटित किया था। इसे लेकर नेपाल सरकार के साथ बाकायदा समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इसके जरिये 3 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके जरिये भारत और नेपाल के आर्थिक रिश्ते भी और मजबूत होंगे।

सूरज तक पहुंचा है एस.जे.वी.एन.एल.
एस.जे.वी.एन.एल. हाइडल पावर सैक्टर के अलावा सूरज तक भी पहुंच चुका है। अब यह सोलर पावर प्लांट से भी बिजली पैदा करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके लिए कई प्रोजैक्टों के प्रस्तावों का खाका खींचा गया है, जिनमें से कुछेक पर कार्य होना भी आरंभ हो गया है।

क्या-क्या होगा प्रोजैक्ट में
प्रोजैक्ट के लिए 70 मीटर ऊंचा ग्रैविटी बांध बनेगा। इसका पानी 11.74 किलोमीटर हैडरेस टनल में डायवर्ट किया जाएगा यानी 11 किलोमीटर से भी लंबी सुरंग तैयार होगी। बिजली घर में 225 मैगावाट की 4 यूनिटें होंगी। कुल मिलाकर इसमें 900 मैगावाट बिजली पैदा होगी। बिजली स्टेशन में 90 प्रतिशत डिपैंडेबल वर्ष में 4018 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। बहरहाल एस.जे.वी.एन.एल. के लिए यह महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट होगा।

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