Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2024 02:20 PM
जिला कुल्लू के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के दौरान फंसे 4 कामगारों को सुरक्षित बचा लिया गया गया है। एनडीआरएफ की टीम के साथ होमगार्ड के बचाव दल और एक निजी बचाव दल ने...
कुल्लू: जिला कुल्लू के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के दौरान फंसे 4 कामगारों को सुरक्षित बचा लिया गया गया है। एनडीआरएफ की टीम के साथ होमगार्ड के बचाव दल और छापेराम नेगी की अगुवाई वाले एक निजी बचाव दल ने यहां पहुंचकर फंसे चारों लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा। ये चारों लोग 31 जुलाई की रात से यहां फंसे हुए थे। हालांकि 1 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई थी लेकिन घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन आज टीम ने कड़े प्रयासों के बाद उक्त चारों को सुरक्षित बचा लिया। उधर, श्रीखंड महादेव मार्ग पर बादल फटने से आई बाढ़ के दौरान भीमडवारी में अभी भी करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे।
बता दें कि मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ में मलाणा पावर प्रोजैक्ट-1 का बांध टूट गया जबकि बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, 2 मंदिर, 8 मकान बह गए। पार्वती नदी में पानी बढ़ने से नदी पर बना पुल बह गया। शाट सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी धराशायी हो गया है। सैंज में निजी बस और बाइक पार्वती नदी में बह गई हैं। वहीं दूसरी ओर निरमंड के बागीपुल में बाढ़ से 10 दुकानें, एक रियायशी मकान, जिसमें होटल चल रहा था, 2 पटवारघर, पार्क की 15 गाड़ियां, बस अड्डा और 8 पुल बह गए है। बाढ़ में एक ही परिवार के 5 सदस्य और 2 नेपाल मूल के व्यक्ति लापता हैं। इनमें से 2 के शव बरामद हो चुके हैं।
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