Edited By Vijay, Updated: 30 Mar, 2024 04:30 PM
निर्दलीय विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया तो वह जल्द ही न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। शनिवार काे तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार नहीं करने के विरोध में विधानसभा के बाहर धरना दिया।
शिमला (भूपिन्द्र): निर्दलीय विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया तो वह जल्द ही न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। शनिवार काे तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार नहीं करने के विरोध में विधानसभा के बाहर धरना दिया। इन विधायकों ने आरोप लगाया कि गत 14 माह में उनकी अनदेखी हुई है तथा विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। सीएम ने उन्हें मिलने तक का समय नहीं दिया। इसलिए मजबूर होकर उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। धरना-प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि उन्होंने 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्र दिया तथा अगले दिन 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए लेकिन त्यागपत्र मंजूर करने के स्थान पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें एक नोटिस जारी कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया है तथा हम पर दबाव के जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद है, लेकिन उन्होंने किसी दबाव में आकर हमें नोटिस जारी किया है जो पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय विधायक हैं, किसी पार्टी से नहीं हैं, ऐसे में वह हमसे जवाब-तलबी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष लोकतंत्र की हत्या न करें तथा तुरंत उनका इस्तीफा मंजूर करें व चुनाव मैदान में उतरे।
दिया जा रहा राजनीतिक रंग : केएल ठाकुर
धरने पर बैठे निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि त्यागपत्र 24 घंटे के अंदर स्वीकार किए जाते हैं लेकिन दुख का विषय है कि बिना मतलब के इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। इस्तीफे को स्वीकार करने के स्थान पर नोटिस थमा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके त्यागपत्र मंजूर कर तीनों हलकों में चुनाव करवाए। इससे दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सरकार को समर्थन दिया है, कांग्रेस को नहीं, ऐसे में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी काे समर्थन किया है। दुनिया की कोई ताकत नहीं है, जो हम पर दबाव डाल सके। ठाकुर ने साफ किया कि वह इसलिए प्रदेश से बाहर रहे क्योंकि उनके परिवार पर दबाव डाला जा रहा है। राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के बाद हमें फोन आने शुरू हो गए थे, जिसका हमें पहले पता नहीं था।
इस्तीफा मंजूर कर चुनाव मैदान में उतरें सीएम : आशीष
निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने चुनौती दी कि यदि सीएम को अपने ऊपर इतना विश्वास है तो वह इस्तीफा मंजूर कर चुनाव मैदान में उतरें। मैदान में पता चल जाएगा, कौन सही व कौन गलत है। उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं, ऐसे में ऐसे व्यक्ति को वोट कैसे दे सकते हैं, जो राम मंदिर के खिलाफ केस लड़ रहे थे। इसलिए उन्होंने भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट डाला। इसके बाद सरकार ने उन पर झूठे मुकद्दमे दायर करने शुरू किए तथा उनके परिवार के कंस्ट्रक्शन के कार्यों को बंद करवा दिया तथा प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि सीएम ने उन्हें 14 माह से मिलने का समय नहीं दिया। उनको अपमानित किया है। यह अपमान उनका नहीं, बल्कि उनके विधानसभा क्षेत्र के लोगों का है। उनके हलके के लिए विकास कार्य की स्टेट हैड से राशि मंजूर नहीं की गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह पहली बार चुने हुए विधायक हैं तथा उन्हें खरीद-फरोख्त की राजनीति नहीं आती है।
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