एसीसी व अम्बुजा सीमैंट उद्योग में 139 कर्मचारियों ने एक साथ ली VRS

Edited By Vijay, Updated: 29 Apr, 2023 10:50 PM

139 employees take vrs together

अडानी ग्रुप के 2 सीमैंट उद्योगों में 139 कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना (वीआरएस) लेने के साथ आज रिटायर हो गए। इस वीआरएस योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एसीसी व अम्बुजा सीमैंट उद्योग में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने...

सोलन/बिलासपुर (पाल/अंजलि): अडानी ग्रुप के 2 सीमैंट उद्योगों में 139 कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना (वीआरएस) लेने के साथ आज रिटायर हो गए। इस वीआरएस योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एसीसी व अम्बुजा सीमैंट उद्योग में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने वीआरएस ली है। अडानी ग्रुप अम्बुजा व एस.एस.सी. सीमैंट उद्योग का जब से मालिक बना है, तब से विवाद चले हुए हैं। पहले कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए, फिर उद्योगों पर ताला लगा दिया। अब कर्मचारियों के लिए वीआरएस लेकर आ गए। एक साल से भी कम अंतराल में दोनों उद्योग विवाद के कारण ही चर्चा में हैं। अम्बुजा सीमैंट उद्योग दाड़लाघाट में जहां 61 वहीं एसीसी सीमैंट उद्योग बरमाणा में 78 कर्मचारी वीआरएस लेने के साथ रिटायर हो गए हैं। रिटायर हुए कर्मचारियों में अधिकांश लैंड लूजर्ज हैं, जिन्होंने उद्योग की स्थापना के लिए अपनी भूमि गंवाई है। कंपनी ने इन कर्मचारियों की रिटायरमैंट के मौके पर बरमाणा व दाड़लाघाट सीमैंट प्लांट में विदाई समारोह का आयोजन किया। 

किसी के गले नहीं उतर रही कंपनी की वीआरएस 
कंपनी द्वारा लाॅन्च की गई वीआरएस किसी के गले नहीं उतर रही है। दाड़लाघाट में वीआरएस लेने वाले 61 में से 34 कर्मचारी ऐसे हैं, जो ऐसे लैंड लूजर्ज कर्मचारी हैं, जिनकी उद्योग में नौकरी के साथ ट्रक भी चल रहे हैं। अडानी ग्रुप ने पिछले वर्ष अम्बुजा व एसीसी सीमैंट उद्योग की कमान संभालते ही ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर नौकरी और ट्रक में से किसी एक को चुनने का फरमान जारी किया। अम्बुजा सीमैंट उद्योग में 9 कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया। अडानी ग्रुप ने 14 दिसम्बर को मालभाड़ा विवाद के चलते अम्बुजा व एसीसी सीमैंट उद्योग पर ताला लगा दिया। करीब 68 दिन तक दोनों उद्योग बंद रहे। जैसे ही ये उद्योग फिर से शुरू हुए तो कर्मचारियों पर नौकरी व ट्रक में से एक छोड़ने का दबाव बढ़ना शुरू हो गया। स्थिति यह हो गई कि अम्बुजा उद्योग में 87 कर्मचारियों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए ट्रक ही बेच दिए और जिन 34 कर्मचारियों ने ट्रक नहीं बेचे, उन्होंने अब वीआरएस ले ली है। 

वीआरएस के लिए कोई दबाव नहीं बनाया : कंपनी प्रबंधक 
हालांकि कंपनी प्रबंधकों की मानें तो कर्मचारियों पर वीआरएस के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया है और उन्होंने अपनी इच्छा से वीआरएस ली है। मजेदार बात यह है कि अम्बुजा व एसीसी सीमैंट उद्योग में अलग-अलग ट्रेड यूनियन के कर्मचारी रिटायर हुए हैं। एसीसी में इंटक के 78 और अम्बुजा में बीएमएस के 61 कर्मचारियों ने वीआरएस ली है। सबसे बड़ी बात यह है कि वीआरएस लेने वाले कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। 

क्या बोले बाघल लैंड लूजर्ज के पूर्व अध्यक्ष
अम्बुजा सीमैंट उद्योग में कार्यरत बाघल लैंड लूजर्ज के पूर्व अध्यक्ष राम कृष्ण शर्मा ने इसे कंपनी की मनमानी करार दिया है। उनका कहना है कि कंपनी के इतिहास पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को वीआरएस दी गई है। इससे लग रहा है कि कंपनी पुराने कर्मचारियों को निकाल कर ठेके पर कर्मचारियों की भर्ती की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है, लेकिन इसका जमकर विरोध किया जाएगा। प्रदेश सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। एसीसी विस्थापित बीडीटीएस सदस्य अमर सिंह का कहना है कि अडानी ग्रुप द्वारा एसीसी कर्मचारियों को वीआरएस लेने के लिए मजबूर किया गया है। कंपनी की योजना ठेकेदारों के माध्यम से मजदूर रखने की है। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
 
 

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!