Edited By Vijay, Updated: 19 Jun, 2022 12:20 AM
12वीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम में मैरिट सूची में स्थान पाने में मंडी जिले के सरकारी स्कूलों के पिछड़ने के मिथक को गोहर उपमंडल के सरकारी स्कूल धंगयारा के होनहार अमित कुमार ने तोड़ा है। साइंस की मैरिट लिस्ट में अमित कुमार ने 7वां स्थान प्राप्त कर...
मंडी (टीम): 12वीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम में मैरिट सूची में स्थान पाने में मंडी जिले के सरकारी स्कूलों के पिछड़ने के मिथक को गोहर उपमंडल के सरकारी स्कूल धंगयारा के होनहार अमित कुमार ने तोड़ा है। साइंस की मैरिट लिस्ट में अमित कुमार ने 7वां स्थान प्राप्त कर स्कूल व माता-पिता का नाम रोशन किया है। अमित के घर के पास स्कूल होने के कारण भी उसे दूसरे स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि जहल स्कूल में साइंस संकाय नहीं है। अमित रोजाना बस में सफर कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल धंगयारा पढ़ाई करने आता था। आईआईटी जेईई की कोचिंग ले रहा अमित बीटैक की पढ़ाई करना चाहता है। अमित के पिता देविंद्र कुमार एक सफल किसान हैं और माता चिंता देवी गृहिणी हैं। अमित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने प्राध्यापकों प्रदीप कुमार, मनसा राम, हेम सिंह व माता-पिता को दिया है।
आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती है धर्मपुर स्कूल तनीषा
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धर्मपुर की 12वीं कक्षा की छात्रा तनीषा शर्मा पुत्री राजेश शर्मा ने कला संकाय में टॉप-10 में जगह बनाई है। तनीषा शर्मा के पिता राजेश शर्मा जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं और माता गृहिणी हैं। तनीषा ने कहा कि मैं आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि जितनी देर भी मैं पढ़ती थी, पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही रखती थी। अगर ईमानदारी से मेहनत की जाए तो उसका फल जरूर मिलता है। तनीषा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सकलानी और सभी अध्यापकों को दिया।
डाॅक्टर बनने की हसरत पाले है विवेकानंद स्कूल की निशा
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 12वीं कक्षा के वार्षिक परीक्षा परिणाम में स्वामी विवेकानंद सीनियर सैकेंडरी स्कूल रामनगर की छात्रा निशा ने 97 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में 8वां स्थान हासिल कर स्कूल व अभिभावकों का नाम रोशन किया है। निशा एक साधारण परिवार से संबंध रखती है। उसके पिता संदीप कुमार ऑटो चालक हैं जबकि माता गृहिणी हैं। निशा ने 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में भी प्रदेश में 5वां स्थान हासिल किया था। निशा ने इसका पूरा श्रेय स्कूल के प्रधानाचार्य वीरेंद्र गुलेरिया व स्टाफ के साथ-साथ अपने माता-पिता को दिया है।निशा ने बताया कि वह अब डाॅक्टर बनना चाहती है जिसके लिए वह हमीरपुर के एक निजी कोचिंग संस्थान से कोचिंग ले रही है, वहीं उसने बताया कि उसके पिता का सपना है कि एक दिन उनकी बेटी डाॅक्टर बनकर समाज की सेवा करे। निशा ने कहा कि मैं अपने माता-पिता का सपना साकार करूंगी।
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