Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 May, 2017 09:13 PM
प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों में कार्यरत लगभग 1100 ग्राम सेवक शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए
शिमला: प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों में कार्यरत लगभग 1100 ग्राम सेवक शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए जिससे प्रदेश भर की 3226 पंचायतों में मनरेगा और 14वें वित्तायोग के तहत विकास कार्य पूरी तरह ठप्प हो गए हैं क्योंकि पंचायतों में विकास कार्यों का जिम्मा इन्हीं ग्राम सेवकों पर रहता है। बीते दिनों सरकार और विभाग के साथ हुई तनातनी के चलते ग्राम सेवकों ने यह फैसला लिया है। उधर, सरकार ने भी इन पर एस्मा लगाने की चेतावनी दी थी जिससे कर्मचारी और भड़क गए और संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार ग्राम सेवकों की मांगें नहीं मानती है, काम पर नहीं लौटेंगे।
नौकरी से निकाले या नए लोगों की भर्ती करे सरकार
संघ ने कहा है कि सरकार नौकरी से निकाले या नए लोगों की भर्ती करे। उससे अब हम डरने वाले नहीं हैं। जब तक सरकार मांंगें नहीं मानेगी तब तक हम शांतिपूर्वक तरीके से हड़ताल जारी रखेंगे। ग्राम सेवक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज ठाकुर ने कहा कि सभी ग्राम सेवक एकजुट हैं। सभी ने एक साथ काम छोड़कर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पूरे प्रदेश भर में सभी ब्लाक स्तर पर ग्राम सेवकों ने कलम छोड़ कर अपना रोष व्यक्त किया।
हमारी बात को दबाना चाहती है सरकार
शिवराज ठाकुर ने कहा कि सरकार हमारी बात को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विभाग ने सरकार से बातचीत का रास्ता स्वयं बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष सरकार व विभाग ने ग्राम रोजगार सेवकों को पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक पॉलिसी तैयार नहीं की गई। ग्राम रोजगार सेवकों ने मांगों को लेकर विभाग को ज्ञापन सौंपकर अल्टीमेटम दिया था। सरकार और विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था।
9 वर्ष बाद भी सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई
ग्राम सेवकों को नियमित करने बारे सरकार ने अभी कोई रणनीति नहीं बनाई है, उलटा आज 9 वर्षों के बाद विभाग उनकी आवाज को दबाने के लिए एस्मा तक लगाने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह हम सरकार से डरने वाले नहीं हैं। यदि सरकार इस तरह की चेतावनी देकर हमें डराने की कोशिश करेगी तो अंादोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग हमारी हड़ताल को बिना बात ही अवैध करार दे रहा है।
पंचायतों का काम होगा ठप्प
प्रदेश में 1081 ग्राम रोजगार सेवक हैं जो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हंै। इनके हड़ताल पर जाने से पंचायतों के काम के लिए न तो मस्ट्रोल जारी होंगे और न ही श्रमिकों को पेमैंट हो सकेगी। इसी तरह से प्रदेश में चल रहे जियो टैङ्क्षगग व जॉब कार्ड की वैरीफि केशन का कार्य भी प्रभावित होगा।
ये हैं ग्राम सेवकों की मुख्य मांगें
1. ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पड़े पंचायत सचिवों के पदों पर नियमित करना।
2. सालाना एक हजार मानदेय बढ़ाना।
3. एक समान काम और एक समान वेतन देना।
4. ग्राम सेवकों को नियमित करना।