क्या कांग्रेस दोहरा पाएगी नगर निगम में कामयाबी की कहानी?

Edited By Updated: 25 Apr, 2017 09:52 AM

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नगर निगम चुनाव का कभी भी औपचारिक ऐलान हो सकता है लेकिन सत्ताधारी दल के कार्यकर्त्ता फिलहाल अभी चुस्त नहीं दिख रहे हैं।

शिमला: नगर निगम चुनाव का कभी भी औपचारिक ऐलान हो सकता है लेकिन सत्ताधारी दल के कार्यकर्त्ता फिलहाल अभी चुस्त नहीं दिख रहे हैं। इन कार्यकर्त्ताओं में कौन जोश भरेगा? कांग्रेस के पास संगठन की बारीकी से नब्ज भांपने और उनमें जुनून पैदा करने वाला फिलहाल कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है। ऐसा चेहरा जो कार्यकर्त्ताओं में युद्ध लड़ रहे जवानों की माफिक हर वक्त मोर्चे पर डटे रहने का जज्बा पैदा करवाए। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस शिमला में कामयाबी की कहानी को दोहरा पाएगी? सरकार के मुखिया वीरभद्र सिंह खुद ई.डी. के कानूनी वार से में उलझे हुए हैं। 


सुक्खू से सीएम के रिश्ते जगजाहिर 
हिमाचल की सियासत का यह सिंह चुनावी समीकरणों को कांग्रेस के पक्ष में करने का मादा रखता है लेकिन उनकी अपनी उलझनें कम नहीं हैं। आखिरकार कांग्रेस चुनाव में उनको ही स्टार प्रचारक बना सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू से सी.एम. के रिश्ते जगजाहिर हैं। सुक्खू को वीरभद्र सिंह मनोनीत अध्यक्ष करार देते हैं। वह सुक्खू की ‘सत्ता’ को सीधे-सीधे चुनौती दे चुके हैं। एक बार नहीं कई बार। कांग्रेस अध्यक्ष भी खामोशी के साथ अपना कार्यकाल आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा सुक्खू की परफॉरमैंस से संतुष्ट है लेकिन वीरभद्र समर्थकों की आंखों में अध्यक्ष अखरते ही रहते हैं। 


निगम के चुनाव कांग्रेस के लिए बने प्रतिष्ठा का सवाल
यह खेमा विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्हें हटाने की मुहिम भी छेड़ चुका है। ये चुनाव के वक्त ऐसे चेहरे को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं जो मुख्यमंत्री के इशारे पर ही कार्य करें। इसके पीछे टिकट आबंटन का भी हवाला दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सुक्खू निगम चुनाव के लिए कमेटी तो गठित करेंगे परंतु खुद इसकी कमान संभालेंगे, इसकी संभावनाएं कम हैं। निगम के चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। सरकार भी पूरी ताकत झोंकेगी। कांग्रेस के सामने चुनौतियां भी बहुत हैं। ऊपर से मोदी लहर चलने का खतरा। यहां तक कि दिल्ली के 3 नगर निगम चुनाव के एग्जिट पोल में भगवा आंधी चलने की संभावना जताई गई है। 


26 अप्रैल को नतीजे आने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी 
ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा को पहले स्थान पर दिखाया गया है। दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीसरे स्थान पर दर्शायी गई है। हालांकि 26 अप्रैल को नतीजे आने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी लेकिन हवा भाजपा के पक्ष में बताई गई है। अगर भाजपा वहां जीतती है तो वह निश्चित तौर पर शिमला में भी इसे भुनाने के प्रयास करेगी। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे भी भाजपा के पक्ष में रहे थे। उन हालातों को भी मतदाताओं के बीच ले जाया जाएगा। फिलहाल कांंग्रेस मोदी की शिमला रैली के शोरगुल में कहीं खो सी गई है। 


27 अप्रैल को शिमला में नरेंद्र मोदी की रैली 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 अप्रैल को शिमला में रैली होगी। इसे सफल बनाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी ने वामपंथी नेता और डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर के ‘पत्र बम’ को भी पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया है। उन्होंने रैली के लिए रिज मैदान को सही करार नहीं दिया था। उन्होंने कहा था कि रिज के नीचे वाटर स्टोरेज टैंक है और अगर मैदान में रैली हुई तो इससे टैंक में दरारें और आएंगी लेकिन वामपंथी नेता के तर्क कहीं टिकते नजर नहीं आए। अब रैली रिज पर ही हो रही है। इसे दूसरी जगह नहीं बदला जा रहा है। 


भाजपा ने कांग्रेस के रैली वाले बयान को दी तवज्जो
भाजपा ने कांग्रेस के उस बयान को भी तवज्जो नहीं दी जिसमें पार्टी ने रैली से पूर्व विशेषज्ञों की राय लेने की बात कही थी। कांग्रेस की हालत यह है कि पार्टी अभी तक निगम चुनावों पर बैठक तक आयोजित नहीं कर पाई है। हां, कांग्रेस की जिला शहरी कमेटी की बैठक एक महीने पहले जरूर हुई थी। तब अन्य मुद्दों के अलावा एक मुद्दा चुनाव भी था। उसके बाद न कोई बैठक हुई और न ही नेताओं के बीच कोई चर्चा। पार्टी को लगता है कि सरकार के मंत्री, सी.पी.एस., बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कांग्रेस की चुनावी नैया पार लगाएंगे। 


झाड़ू के सहारे दूसरे दिन भी बनाया माहौल
पार्टी स्वच्छता अभियान को नगर निगम चुनाव को भुनाने में जुटी हुई है। दूसरे दिन भी कार्यकत्र्ताओं और पदाधिकारियों ने वार्डों में जाकर साफ-सफाई की। अगर पार्टी सिंबल पर चुनाव हुए तो फिर टिकट के लिए अभी से की कसरत कहीं न कहीं काम ही आएगी। भाजपा ने निगम चुनाव की कमान पूर्व मंत्री डा. राजीव बिंदल को सौंप रखी है। वह नाहन के विधायक हैं, वहीं मौजूदा वक्त में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भी हैं।


माकपा 30 को करेगी प्रत्याशियों पर अंतिम फैसला
नगर निगम चुनाव को लेकर माकपा मोर्चा गठित करेगी। यह मोर्चा सभी 34 वार्डों में चुनाव लड़ेगा। पार्टी की चुनाव से जुड़ी कोर कमेटी की सोमवार को शिमला में बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता कमेटी के संयोजक एवं पार्टी के राज्य सचिव कामरेड डा. ओंकार शाद ने की। बैठक में पार्टी से जुड़े संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई। एक वार्ड से 4-4 नामों पर चर्चा हुई लेकिन अभी आरक्षण रोस्टर और पार्टी सिंबल पर चुनाव करवाने के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है इसलिए पार्टी अगली बैठक में इसे अंतिम रूप प्रदान करेगी। यह बैठक 30 अप्रैल को होगी। 

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