बादल कंपनी से मिले वोल्वो आप्रेटरों को मुंह मांगे दाम, जानिए असलियत

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Mar, 2018 12:42 PM

volvo operators from cloud company ask for money

हिमाचल के परिवहन एवं पर्यटन कारोबार में पंजाब के बादलों की कंपनी की एंट्री के बाद प्रदेश के पर्यटन कारोबार में भूचाल सा आ गया है। शिमला, मनाली और धर्मशाला में पर्यटन कारोबारी यह चर्चा कर रहे हैं कि हिमाचल की टूरिस्ट वोल्वो बसों का कारोबार बादल की...

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): हिमाचल के परिवहन एवं पर्यटन कारोबार में पंजाब के बादलों की कंपनी की एंट्री के बाद प्रदेश के पर्यटन कारोबार में भूचाल सा आ गया है। शिमला, मनाली और धर्मशाला में पर्यटन कारोबारी यह चर्चा कर रहे हैं कि हिमाचल की टूरिस्ट वोल्वो बसों का कारोबार बादल की कंपनी ने खरीद लिया है जबकि असलियत कुछ और है। वास्तव में बादल की कंपनी ने जो भी वोल्वो बसें खरीदी हैं, वे सभी वोल्वो आप्रेटरों ने स्वेच्छा से मुंह मांगी कीमत पर उन्हें बेची हैं। ज्यादातर वोल्वो आप्रेटर तो ऐसे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी और उन्हें बादल की कंपनी ने बसों की कीमत से कई गुणा ज्यादा रकम देकर उनकी नैया पार लगा दी है। 


ज्यादातर बस आप्रेटर ऐसे हैं जो बैंकों के कर्ज तले दबने से भी बच गए। इसमें रोचक यह भी है कि इसमें ज्यादातर बिकने वाली बसें हिमाचल से बाहरी राज्यों में पंजीकृत हैं और जिनका हिमाचल प्रदेश सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो हिमाचल में पंजीकृत हैं लेकिन उनकी वोल्वो बसें बेहद पुरानी व खस्ताहाल होने के कारण बड़ी मुश्किल से चलाई जा रही थीं। उनकी भी बादल की कंपनी द्वारा मोटी रकम मिलने से लॉटरी खुल गई है। बादल पंजाब में ट्रांसपोर्ट परिवहन का काम बहुत बड़े स्तर पर कई दशकों से करते आ रहे हैं। उसी तर्ज पर अब ये दिल्ली से शिमला, मनाली, धर्मशाला व अन्य पर्यटक स्थलों पर इस कारोबार को ऊंचे स्तर पर करने की योजना बना रहे हैं। 


ठोस नीति न बनने से कई थे मुश्किल में
हिमाचल व बाहरी राज्यों में पंजीकृत वोल्वो बसें हिमाचल के कुल्लू, मनाली, शिमला व धर्मशाला जैसे पर्यटक स्थलों पर रोजाना आती-जाती हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने भी करीब 3 दशकों से चल  रहीं इन बसों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई, जिस कारण ये बस आप्रेटर भी आपस में प्रतियोगिता के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। 


इक्का-दुक्का आप्रेटरों ने नहीं बेचीं बसें
प्रदेश में इक्का-दुक्का ऐसे आप्रेटर बचे हैं जो या तो अपनी बसें बादल की कंपनी को बेच नहीं रहे हैं या कुछ आप्रेटरों से बादल की कंपनी संपर्क नहीं कर रही है। अधिकतर बड़ी फर्मों ने अपना परिवहन कारोबार अच्छी कीमत पर बादलों को बेच दिया है। 


हमें मिली मुंह मांगी कीमत
नॉर्दन ट्रैवल्स के मालिक राकेश सूद ने अपनी सभी रूटों पर चलने वाली वोल्वो बसें बादल की कंपनी को बेच दी हैं। राकेश सूद का कहना है कि मुझे मेरी बसों की अच्छी कीमत मिली है। उन्होंने कहा कि मैं इससे संतुष्ट हूं। प्रतिस्पर्धा के चलते हमें इन रूटों पर काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी। हमें अपनी गाड़ियों की मुहं मांगी कीमत मिली है और स्वेच्छा से अपनी बसें बेची हैं। 


मंत्री जी भी इस मसले पर कर चुके हैं रुख स्पष्ट
बीते रोज परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने भी शिमला में कहा है कि बिकने वाली इन बसों में ज्यादातर बसें बाहरी राज्यों में पंजीकृत हैं। जो बसें हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत खरीदी गई हैं, उनकी हम जांच कर रहे हैं। 
 

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