Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Oct, 2017 01:07 AM
हिमाचल में टोपियों की सियासत जरूरत से ज्यादा होने लगी है, जो क्षेत्रीय असंतुलन का खतरनाक संकेत है।
मंडी: हिमाचल में टोपियों की सियासत जरूरत से ज्यादा होने लगी है, जो क्षेत्रीय असंतुलन का खतरनाक संकेत है। शनिवार को मंडी की कांग्रेस रैली विकास से विजय की ओर में भी टोपियों की सियासत खूब देखने को मिली। हैलीकॉप्टर से उतरते ही राहुल गांधी ने सेवादल की सफेद टोपी पहन ली और मंच पर आते ही सीढिय़ों पर उतार दी। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मंच पर हरे रंग की किन्नौरी टोपी राहुल को पहनाई। उसके बाद राहुल गांधी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लवी टोपी पहनाई तो पहले वाली हरी टोपी उन्होंने उतार दी। फिर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य ने राहुल को हरी टोपी पहना दी। इसके बाद सुंदरनगर कांग्रेस के अध्यक्ष पवन ठाकुर ने लाल रंग की टोपी पहनाई तो फिर से हरी टोपी उतार दी।
भाषण देने से पहले तक पहने रखी हरी किन्नौरी टोपी
बाद में किन्नौर के जगत सिंह नेगी ने राहुल को अपनी पारंपरिक फूलों से सजी हरी किन्नौरी टोपी पहनाई जो उन्होंने काफी देर भाषण देने से पहले तक पहने रखी। भाषण के समय राहुल गांधी ने कोई टोपी नहीं पहनी थी और नंगे सिर ही भाषण दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी प्रदेश में चल रही टोपी की सियासत से वाकिफ थे और उन्होंने किसी एक टोपी को अधिमान न देकर सबको खुश रखने का प्रयास किया। बाद में राहुल गांधी ने पारंपरिक फूलों से सजी हरी किन्नौरी टोपी मांगी और उसे अपने साथ ले गए। मंच पर आते ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू को राहुल गांधी से करीब पौने 2 घंटे बातचीत करने का मौका मिला।