सरकार कहेगी तो क्षण भर में छोड़ दूंगा हिमाचल: बाबा अमर देव

Edited By Updated: 15 May, 2017 10:12 AM

government say you in moment will leave himachal  baba amar dev

सोलन के कंडाघाट क्षेत्र के रूड़ा स्थित श्रीराम लोक मंदिर के बाबा अमर देव लंबे अरसे से विवादों में हैं।

शिमला/सोलन: सोलन के कंडाघाट क्षेत्र के रूड़ा स्थित श्रीराम लोक मंदिर के बाबा अमर देव लंबे अरसे से विवादों में हैं। मारपीट की हालिया वारदात के बाद तो पूरा इलाका उनके विरोध में खड़ा हो गया है। कई संगठन विरोध का झंडा बुलंद कर रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा से लेकर वामपंथियों तक सब स्थानीय स्तर पर बाबा की खुली मुखालफत करने लगे हैं। तमाम आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच पंजाब केसरी ने बाबा अमरदेव से खास बातचीत की। आई.जी.एम.सी. अस्पताल में दाखिल बाबा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश।


आप मंदिर बनाने हिमाचल आए थे लेकिन यहां आपके साथ विवाद का चोली दामन का साथ रहा। इसकी वजह?  
मुझ पर स्थानीय लोगों ने कई बार जानलेवा हमले किए। पहली बार पिछले साल एक महिला ने मेरे भोजन में जहर मिला दिया था। यह जहर दाल में मिलाया गया था। इससे मुझे काफी नुक्सान हुआ। फिर 21 अप्रैल को पंचायत प्रधान और उपप्रधान की अगुवाई में सैंकड़ों लोगों ने मंदिर पर हमला बोल दिया लेकिन तब वहां सी.आई.डी. के जवानों ने उन्हें खदेड़ा। 17 जून को फिर से हमला हुआ। इसमें शामिल लोगों को मैं जानता हूं। पुलिस को सूचना दी पर कार्रवाई नहीं हुई।


26 अप्रैल को 2 पक्षों में फिर से झगड़ा हो गया। आप पर एक महिला से मारपीट का आरोप है। आप क्या झगड़े में संलिप्त थे या नहीं? 
सच्चाई ऐसी नहीं है। उस दिन मैं कुटिया में था। रामायण पढ़ रहा था। उस दिन करीब 19 लोग आए। उन्होंने रामायण फाड़ दी। भगवान श्रीराम की मूर्ति तोड़ दी। एक महिला ने मुझ पर दराट से हमला किया पर यह साथ में खड़ी एक अन्य महिला पर लगी। इससे वह घायल हो गई। अभी सोलन अस्पताल में भर्ती है। हमले में कई पंचायतों के मौजूदा प्रधान, उपप्रधान, पूर्व प्रधान, उपप्रधान, भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही नेता शामिल थे। कांग्रेस नेता ने तो यहां तक कहा कि बाबा को भी जला दो, सरकार हमारी है। मुझे और मंदिर पर कैरोसिन ऑयल छिड़का गया लेकिन भगवान की रक्षा से इसमें आग नहीं जल पाई। पुलिस आई पर कार्रवाई नहीं हुई।


आरोप है कि आप तंत्र-मंत्र में भरोसा करते हैं। आसपास कई मंत्रियों और नेताओं के ‘राज’ जानते हैं। इस ‘राज’ का खुलासा न हो, इस कारण सरकार आपको संरक्षण दे रही है। आप क्या समानांतर सत्ता चलाते हैं?
बिल्कुल नहीं। मैं तो तपस्वी हूं। नेता भक्त के रूप में मेरे नहीं श्रीराम भगवान के दर्शन करने आते हैं। मेरी सरकार में बैठे किसी भी मंत्री से न ही मुख्यमंत्री से कोई व्यक्तिगत संबंध है। थाने का पूरा स्टाफ क्यों बदला, इसका जवाब तो सरकार और प्रशासन ही दे सकती है। मैं सिर्फ न्याय मांग रहा हूं। रसूखदारों से संबंध होने के आरोप मिथ्य हैं, जिस प्रदेश में भगवान राम ही सुरक्षित नहीं, वहां आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी? फिर भी जिस दिन सरकार कहेगी, मैं हिमाचल में क्षणभर के लिए नहीं रुकूंगा। तपस्वी को किसी चीज का मोह नहीं है। वह तंत्र-मंत्र में नहीं भगवान की साधना में विश्वास करता है।


आप महंगे वाहनों की सवारी करते हैं। बाबा को ऐसे वाहनों की क्या जरूरत?
हां, मेरे पास 3 वाहन हैं लेकिन मेरे नहीं हैं, भक्तों ने दिए हैं। 


झगड़े की असली जड़ चढ़ावा है
तेंदुए की खालें पकड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मुझे भक्तों ने भेंट की थीं। मुझे पता नहीं था कि इनको रखना अपराध भी होता है। ये मंदिर में शिवजी के वस्त्र के रूप में विराजमान थीं। इसका कोई लाइसैंस नहीं था। सी.आई.डी. वाले आए और इन्हें उठा कर ले गए। ग्रामीणों का दबाव आया कि अगर भक्तों का नाम लिया तो उन्हें जान से मार देंगे। इस कारण मैंने नामों का खुलासा नहीं किया। जहां तक प्रदर्शनों की बात है तो हिमाचल प्रदर्शनों की नहीं देवदर्शन की जगह है। इनको किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। हम यहां देवत्व स्थापित करने आए हैं, अगर हमारे कर्मों से ऐसा लगता है कि यहां दानवत्य स्थापित हो रहा है मुझे हिमाचल में रहने का कोई हक नहीं है लेकिन झगड़े की असली जड़ चढ़ावा है। कुछ लोग इसे अपने लिए मांगते हैं। मना करने पर नशे में आकर धमकी देते हैं। यह पैसा मंदिर के लिए ही इस्तेमाल होगा।

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