आचार संहिता लगते ही बदले पुलिस के तेवर, मदद की गुहार लगाने आए लोग वापस भेजे

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Oct, 2017 01:39 AM

frown change of police after code of conduct  people send back from station

हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वीरवार को आचार संहिता लगने के बाद से पुलिस के भी तेवर बदलने लगे हैं।

परवाणु: हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वीरवार को आचार संहिता लगने के बाद से पुलिस के भी तेवर बदलने लगे हैं। ऐसा नजारा पुलिस थाना परवाणु में उस समय देखने को मिला जब कुछ व्यक्ति पुलिस थाने में रात करीब साढ़े 10 बजे मदद की आस लेकर पहुंचे। पुलिस के जवानों ने उन्हें बिना मदद किए ही वापस लौटा दिया। जानकारी के अनुसार धगड़ गांव के साथ लगते पपलोला गांव की पूनम की शादी शैरला गांव के मनोज कुमार के साथ हुई है। वीरवार रात को उसके पति ने उसे किसी कारण से पीट दिया और इस बारे में उसने अपने पिता गुरध्याल सिंह को सूचना दी।

अधिकार क्षेत्र में न होने का हवाला देकर कर दिया इंकार
इसके बाद लड़की के पिता गुरध्याल सिंह टकसाल पंचायत के पूर्व उपप्रधान अजमेर सिंह (टोनी) के साथ मिल कर पुलिस थाना परवाणु में लड़की को वापस लाने की मदद लेने के लिए पहुंचे लेकिन वहां पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जवान ने थाने में उस समय कोई भी अन्य जवान न होने और शैरला गांव उनके अधिकार क्षेत्र में न होने का हवाला देकर मदद करने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद लड़की के पिता और उपप्रधान स्वयं ही लड़की को लेने के लिए चले गए। 

लड़की को कुछ हो जाता तो जिम्मेदार कौन होता 
टकसाल पंचायत के पूर्व उपप्रधान अजमेर सिंह का कहना है कि लड़की को पीटने की सूचना मिलने के बाद हम मदद के लिए पुलिस थाना पहुंचे थे, जिस पर पुलिस के जवानों ने मदद करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद हम स्वयं ही लड़की की तलाश के लिए निकल गए। लड़की रात को सुनसान जंगल वाले रास्ते से अकेले आ रही थी और इस बारे में हमने पुलिस को भी सूचना दी लेकिन फिर भी हमें कोई मदद नहीं मिली। यदि लड़की को रात को जंगल में जानवर कुछ कर देते या फिर कोई और हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता।

एक सवाल यह भी 
पुलिस थाना परवाणु में वीरवार देर रात को पुलिस के नकारात्मक रवैये के कारण अपने आप में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि थाने में जवान नहीं था और शैरला गांव उनके अधिकार क्षेत्र का नहीं था तो उन्होंने पुलिस थाना धर्मपुर में इसकी सूचना क्यों नहीं दी। क्या परवाणु पुलिस का इस बारे में धर्मपुर थाने को सूचना देना ड्यूटी नहीं बनती थी। ऐसे में परवाणु पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
डी.एस.पी. परवाणु भीष्म सिंह ठाकुर ने बताया कि किसी दूसरे के अधिकार क्षेत्र में नहीं जा सकते हैं। परवाणु पुलिस धर्मपुर को सूचना कर सकती थी। यदि ऐसा है तो इसे देखा जाएगा। इसके अलावा लड़की के परिजन मुझसे भी बातचीत कर सकते थे और मैं सीधे धर्मपुर पुलिस को मौके पर पहुंचने के लिए आदेश कर देता। 

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