Edited By Updated: 10 Dec, 2016 03:11 PM
हिमाचल के बिलासपुर के तहत आने वाले दधोल कलां इलाके में आदमखोर तेंदुए को मौत के घाट उतारने में सोलन जिला के कुनिहार से आए....
घुमारवीं: हिमाचल के बिलासपुर के तहत आने वाले दधोल कलां इलाके में आदमखोर तेंदुए को मौत के घाट उतारने में सोलन जिला के कुनिहार से आए हुए शूटरों की विफलता के बाद अब वन विभाग ने अपनी रणनीति में बदलाव कर लिया है। अब विभाग ने बाहर के शूटरों से काम करवाने की बजाय स्थानीय स्तर पर लाइसैंसी बंदूकें रखने वाले लोगों को इस काम में जुटने के लिए कहा है। इसके लिए वन विभाग की ओर से क्षेत्र के रहने वाले कुछ लोगों को औपचारिक इजाजत भी दे दी गई है।
महकमे के आर.ओ. रमेश चंद ने शुक्रवार को यहां कहा कि उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में लोकल लोगों की सहभागिता होने के कारण आदमखोर तेंदुए को मार गिराया जाएगा। इस मामले में खुद योजना को सफल बनाने के लिए डी.एफ.ओ. बिलासपुर सी.बी. ताशीलदार ने मौके पर स्थानीय लोगों से रणनीति पर चर्चा भी की है। आर.ओ. रमेश चंद ने बताया कि दधोल कलां में कुछ दिन पहले एक आदमखोर तेंदुओं ने एक व्यक्ति को रात के अंधेरे में घात लगाकर हमला करके मार गिराया था। इसके शरीर के कुछ हिस्से भी तेंदुए ने नोच खाए थे। इसके बाद से ही वन विभाग ने एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए थे।
शिमला से आई विशेषज्ञों की टीम ने भी इलाके का दौरा किया था, जिसमें उन्हें इस तेंदुए के आदमखोर होने के प्रमाण मिले थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद राज्य सरकार ने इस तेंदुए को आदमखोर घोषित करते हुए इसे गोली मारने के लिए सोलन जिला के कुनिहार से शूटर बुलाए हुए थे लेकिन इन शूटरों ने अपनी ओर से पूरे प्रयास किए मगर कहीं भी इन्हें सफलता नहीं मिली। अब लगातार हाथ लग रही विफलता को देखते हुए विभाग ने पुराने शूटरों को वापस लौटा दिया है और अब स्थानीय स्तर के लाइसैंसी बंदूकधारी शूटरों को तेंदुए को मार गिराने की जिम्मेदारी दी गई है।