नकली नोट छापने वाले मास्टरमाइंड की खुली पोल, बैंक में ठिकाने लगाने की फिराक में फंसे (Video)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Feb, 2018 11:50 AM

रातोंरात अमीर बनने की ख्वाहिश पाले मंडी के एक युवक ने 20,000 रुपए का कलर प्रिंटर खरीद अपनी किराए की दुकान में नोट छापने का कारोबार शुरू कर दिया। उसने भारतीय करंसी के हू-ब-हू नोट छाप उन्हें प्रचलन के लिए बाजार में निकाल दिया। पहले हफ्ते उसने चंद नोट...

मंडी (पुरुषोत्तम): रातोंरात अमीर बनने की ख्वाहिश पाले मंडी के एक युवक ने 20,000 रुपए का कलर प्रिंटर खरीद अपनी किराए की दुकान में नोट छापने का कारोबार शुरू कर दिया। उसने भारतीय करंसी के हू-ब-हू नोट छाप उन्हें प्रचलन के लिए बाजार में निकाल दिया। पहले हफ्ते उसने चंद नोट ट्रायल के तौर पर 15 फरवरी को शिवरात्रि मेले के पहले दिन कुछ दुकानदारों के पास चलाए।  जब उसे इस बात का संतोष हुआ कि दुकानदारों ने बिना जांच किए उसके छापे नोट अपने गल्ले में डाल दिए तो दूसरे दिन ही उसने 1-2 की बजाय 500 के ज्यादा नोट स्कैनर एवं प्रिंटर से निकालने शुरू कर दिए। 


इस बीच उसके जाल में एक आटा सप्लाई का कार्य करने वाला रिवालसर क्षेत्र का निधि सिंह फंस गया तो उसने उसे अपने बनाए नोट चलाने के लिए दे दिए। निधि सिंह नोटों की गड्ढी लेकर पहले ही दिन नेरचौक पी.एन.बी. बैंक चला गया और वहां कैश डिपोजिट मशीन ने पैसे आधे तो जमा कर दिए लेकिन आधे टे्र में रह गए। इस बीच बैंक प्रबंधन ने उसे देख लिया और नोट मैनुअली जमा करने को अंदर ले आए तो जांच करने पर नोट नकली पाए गए। इसके बाद तुरंत शाखा प्रबंधक ने इस बारे पुलिस को सूचित किया और उसे हिरासत में ले लिया गया। जांच आगे बढ़ी तो 2 लोगों तक पुलिस पहुंची जिनमें से उपरोक्त रातोंरात अमीर बनने का सपना देखने वाला युवक गुरदेव सिंह नोट बनाने का मास्टरमाइंड निकला जो सौली खड्ड इंडस्ट्रियल एरिया में स्टील की ग्रिल लगाने का काम करता है और मात्र 10वीं पास है।  


बल्ह पुलिस को 3 दिन में मिली सफलता
जाली नोट छापने और मार्कीट में चलाने के इस मामले का शुरूआती दौर में ही पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सरगनाओं को 3 दिन की ही जांच में दबोच लिया। नेरचौक पी.एन.बी. शाखा प्रबंधन की ओर से मामला ध्यान में लाने के बाद बल्ह पुलिस ने नकली नोट प्रकरण में यह कामयाबी हासिल की। नकली नोट मामले में रिवालसर क्षेत्र के निधि सिंह को 4 दिन पूर्व गिरफ्तार किया गया था जोकि आटा सप्लाई का कार्य करता है। उसी की निशानदेही पर पुलिस ने 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने हवलदार टेक चंद की अगुवाई में एक टीम बनाई, जिसमें सिपाही योगराज, रामजीदास व पीतांबर ने कुल्लू के भाग चंद व मंडी के पैलेस निवासी गुरदेव सिंह को जाली नोट बनाने के मामले में गिरफ्तार किया। निधि सिंह को पहले ही हिरासत में लिया गया था जो 3 दिन के रिमांड पर था। पकड़े गए आरोपी गुरदेव सिंह व भाग चंद ने पुलिस को बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने यह काम किया था। जिस स्कैनर कम प्रिंटर से इन्होंने काम शुरू किया उसे 14 फरवरी के दिन ही नेरचौक से खरीदा था। पुलिस ने गुरदेव सिंह से पूछताछ की और उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रिंटर, स्कैनर, 500 के 17 नोट, 200 के 5 नोट और 100 रूपए के 2 फर्जी नोट बरामद किया। 


कम पढ़े लिखे कई हैं मास्टर
हैरानी इस बात की है कि ए.टी.एम. लूट और साइबर क्राइम में ऐसे कम पढ़े-लिखे कई मास्टरमाइंड आज तक संलिप्त पाए गए हैं जो अपने काम में इतने निपुण हैं कि पुलिस और गुप्तचर एजैंसियां भी इनके कारनामों पर दांतों तले अंगुली दबाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। पिछले दिनों बंजार से पकड़ा गया आई.एस.आई.एस. एजैंट आबिद खान भी पेशे से एक दर्जी था और अपने स्तर पर फैशन डिजाइनिंग कर नाम कमा चुका था। नाहन में पकड़े ए.टी.एम. लूटेरे कोई 8वीं पास तो कोई दसवीं पास था। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने लूट जैसी वारदातों को अंजाम दिया। मंडी शहर में ही एक बैंक की दीवार में छेद कर उसे लूटने के प्रयास में एक अनपढ़ युवक को दबोचा जा चुका है जो अपने साथ कबाड़ का सामान रखता था जबकि दूसरी ओर पढ़े-लिखे युवक नशे के कारोबार में संलिप्त पाए जा रहे हैं। एम.बी.बी.एस., वकील और एम.टैक. तक के छात्र नशे के कारोबार में पकड़े गए हैं। 

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