Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Oct, 2017 10:12 AM
हिमाचल में आगामी विधानसभा चुनावों में इस बार फिर से महिला मतदाताओं पर पार्टियों का ध्यान रहेगा। पिछले 5 विधानसभा चुनावों को देखें तो महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल में आगामी विधानसभा चुनावों में इस बार फिर से महिला मतदाताओं पर पार्टियों का ध्यान रहेगा। पिछले 5 विधानसभा चुनावों को देखें तो महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 1951 के चुनावों से लेकर 1990 तक यह वर्चस्व पुरुष मतदाताओं के नाम रहा करता था, लेकिन 1993 से लेकर 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पुरुष प्रधान देश में महिलाओं द्वारा सरकार की नींव रखने के चलते अधिकतर पार्टियों की नजर महिला मतदाताओं पर अधिकतर टिकी रहती है।
1993 के विधानसभा चुनावों में जहां महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 71.10 था, वह अब बढ़कर पिछले विधानसभा चुनावों में 76.20 आंका गया है। इन 2 दशकों में यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस बार के विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं पर सभी पार्टियों की नजरें रहेंगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो 1993 में महिला मतदाता का प्रतिशत 71.10 था तो पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 71.90 रहा। इसके बाद 1998 में हुए विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं का प्रतिशत 72.21 आंका गया था, जबकि पुरुष मतदान प्रतिशत 70.26 रहा था, जो पिछले हुए चुनावों के मुकाबले कम था। वहीं 2003 में महिला मतदाताओं का प्रतिशत 75.92 रहा और पुरुष मतदाता का प्रतिशत 73.14 रहा।
2007 के चुनावों में महिला प्रतिशत पुरुष मतदाताओं के मुकाबले ज्यादा रहा है। इस दौरान महिला मतदाताओं का प्रतिशत 74.10 तथा पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 68.36 रहा। गत विधानसभा चुनावों में भी महिला प्रतिशत का आंकड़े में एक रिकॉर्ड दर्ज किया था, जोकि 76.20 प्रतिशत रहा और पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 69.39 प्रतिशत रहा। अब इस बार के आंकड़ों को देखना लाजिमी होगा कि इस बार प्रदेश की महिला मतदाता एक भी वोटर न छूटे नारे के अंतर्गत नया रिकॉर्ड प्रदेश में बनाती हैं।