कोर्ट ने अवैध कब्जाधारियों पर अपनाया कड़ा रुख, अधिकारियों के छूटे पसीने

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Dec, 2017 10:44 AM

court stays firm on illegal occupiers

एक दौर था जब किसी सड़क, बस अड्डा या किसी अन्य कल्याणकारी योजना को धरातल पर उतारने के लिए फोरैस्ट क्लीयरैंस लेने में लंबा वक्त लगता था। कई वर्षों तक योजना के तहत कार्य शुरू ही नहीं हो पाता था। आज के दौर में सड़क, बिजली व पानी सहित अन्य कल्याणकारी...

कुल्लू: एक दौर था जब किसी सड़क, बस अड्डा या किसी अन्य कल्याणकारी योजना को धरातल पर उतारने के लिए फोरैस्ट क्लीयरैंस लेने में लंबा वक्त लगता था। कई वर्षों तक योजना के तहत कार्य शुरू ही नहीं हो पाता था। आज के दौर में सड़क, बिजली व पानी सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए फोरैस्ट क्लीयरैंस अड़ंगा नहीं है। बड़ी कल्याणकारी योजनाओं के लिए वन, पर्यावरण विभाग बिना देर किए मंजूरी दे रहे हैं। संबंधित नुक्सान के बदले इससे ज्यादा नए पौधे लगाने को भी तरजीह दी जा रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित अन्य महकमों के अधिकारी भी मानते हैं कि इन दिनों अवैध कब्जों के कारण कई योजनाएं धरातल पर निर्धारित समय पर नहीं उतर पा रही हैं। 


अवैध कब्जों की वजह से कई सड़कें चौड़ी नहीं हो पा रही हैं। लो.नि.वि. की सड़कों के किनारे और वन विभाग की भूमि पर बेशुमार अवैध कब्जे हैं। सड़कों पर जमे बैठे अवैध कब्जाधारियों का जब मन नहीं भरा तो दुकानों का सामान भी सड़कों पर सजा डाला और इससे सड़कें और सिकुड़ गईं। जब कोई अधिकारी कब्जाधारकों को कुछ कहे तो कब्जाधारी आंखें दिखाने लगते हैं, ऐसे में अधिकारी चुप रह जाते हैं और कब्जाधारियों को लगता है कि उन्हें और अवैध कब्जे करने की छूट मिल गई। हालांकि यह चुप्पी बाद में अधिकारियों पर उस समय भारी पड़ रही है जब हाईकोर्ट को अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कड़े आदेश जारी करने पड़ रहे हैं। 


हाईकोर्ट के आदेशों पर हरकत में आए अधिकारियों के कार्रवाई को अंजाम देते हुए पसीने छूट रहे हैं। इन दिनों हाईकोर्ट के आदेशों पर ही कटागला व छलाल जैसे गांवों के पथरीले रास्तों को नापते हुए अधिकारियों की सांसें फूल रही हैं और दूसरी ओर अधिकारियों की चहलकदमी से अवैध कब्जाधारियों की नींद उड़ी हुई है। पहले ही महकमों ने इन अवैध कब्जों, अवैध होटलों, भवनों, गैस्ट हाऊस, होम स्टे और अन्य अवैध व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर शिकंजा कसा होता तो आज इस तरह पसीना न बहाना पड़ता। इसी तरह सड़कों किनारे अवैध कब्जों से सिकुड़ी सड़कों पर बढ़ते हादसे भी चिंैता का विषय बने हुए हैं।


प्रदेशभर में अवैध कब्जों के खिलाफ चले अभियान 
कुल्लू के बुद्धिजीवियों में मस्त राम, पुरुषोत्तम शर्मा, शाम चंद ठाकुर, लीलामणि शर्मा, राजेंद्र शर्मा, शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त सी.एल. आचार्य, वन विभाग से सेवानिवृत्त लाल चंद शर्मा व खूब राम ठाकुर आदि ने कहा कि अवैध कब्जे सड़कों को चौड़ा करने के कार्य में अड़ंगा बने हुए हैं। हाईकोर्ट को चाहिए कि अब सड़कों के किनारे से भी अवैध कब्जों को हटाने के आदेश जारी हों और प्रदेश भर में अवैध कब्जा धारकों के  खिलाफ  अभियान चले। अवैध कब्जों के कारण सिकुड़ी सड़कों पर सड़क हादसों का ग्राफ  ऊपर उठ रहा है। निचली अदालतों को भी सड़कों पर अवैध कब्जों के मामले जल्द निपटाने चाहिए।


अवैध कब्जे छुड़ाने गई टीमों पर हो चुका है पथराव 
कुल्लू जिला में इस समय कई सड़कें ऐसी हैं जिन पर अवैध कब्जे हैं। भुंतर-मणिकर्ण सड़क पर जिया से मणिकर्ण तक के दायरे में ही सड़क किनारे करीब 200 बीघा जमीन है। इस अधिगृहीत जमीन के बड़े हिस्से पर कई जगह अवैध कब्जे हैं। छरोड़नाला में अवैध कब्जे हटाने गई लोक निर्माण विभाग की टीम पर जुलाई, 2016 में और कसोल में वन विभाग की टीम पर अवैध कब्जाधारियों ने पथराव तक किया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!