Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Nov, 2017 04:42 PM
बीएसएल जलाशय किनारे रसूखदारों द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जों व निर्माण के बाद बीबीएमबी प्रशासन जागा है। वही इस सबंध में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्य अभियंता से मिला। मामला ध्यान में लाए जाने पर मुख्य अभियंता ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए,...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): बीएसएल जलाशय किनारे रसूखदारों द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जों व निर्माण के बाद बीबीएमबी प्रशासन जागा है। वही इस सबंध में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्य अभियंता से मिला। मामला ध्यान में लाए जाने पर मुख्य अभियंता ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए, जिस पर एक टीम रोपा में पहुंची और कब्जाई भूमि का निरीक्षण किया। इस दौरान कब्जाधारियों को मौके पर बुलाया गया लेकिन वह उपस्तिथ ना हुए। इसके अलावा उच्च अधिकारियों ने अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर तुरंत भूमि से कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने की सूरत में कब्जाई भूमि पर रखे गए सामान को जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीबीएमबी प्रबंधन अपने नाम से रेवन्यू रिकॉर्ड में दरुस्त नहीं करवा पाई
बता दें कि 1960-70 के दशक में बीएसएल परियोजना के लिए सरकार द्वारा भूमि का अधिग्रहण करने उपरांत कुछ गैर-जरूरी सरप्लस भूमि मूल मालिकों को पैसा जमा करवाने उपरांत वापिस लौटा दी गई। कुछ बीघा अधिकृत भूमि का कब्जा काश्त आज तक बीबीएमबी प्रबंधन अपने नाम से रेवन्यू रिकॉर्ड में दरुस्त नहीं करवा पाई है। जिसका फायदा उठाकर मूल विस्थापितों के आश्रित अपने नाम पर कब्जा काश्त लगवा ऐसी भूमि पर कब्जाने में लगे हुए हैं। कार्रवाई की पुष्टि करते हुए चीफ इंजीनियर गुलाब सिंह नरवाल सहित एम.के.कपूर, अधिशाषी अभियन्ता बीबीएमबी ने कहा है कि बीबीएमबी मलकियत भूमि पर गलत तरीके से कागजों में हेरा-फेरी मिलीभगत कर हड़पने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।