यहां मौत के मुंह पर बैठे प्रवासियों के साथ कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

Edited By Updated: 29 Jun, 2016 11:46 AM

प्रदेश में मानसून आ चुका है बावजूद इसके जिला प्रशासन ऊना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को खाली करवाने में महज औपचारिकताएं ही निभा रहा है।

ऊना (अमित शर्मा): प्रदेश में मानसून आ चुका है बावजूद इसके जिला प्रशासन ऊना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को खाली करवाने में महज औपचारिकताएं ही निभा रहा है। स्वां नदी के किनारे के अंदर सैंकड़ों प्रवासी परिवार अपना डेरा जमाए बैठे हैं। ऐसे में अगर स्वां नदी रौद्र रूप धारण कर ले तो माल के साथ-साथ जान का भी काफी नुकसान होगा। हालांकि विभाग ने खानापूर्ति करते हुए सूचना बोर्ड लगा दिए हैं लेकिन किसी ने भी प्रवासियों को यहां से हटाने की जहमत नहीं उठाई।


प्रशासन का कहना है कि जल्द ही प्रवासियों को वहां से हटाने का प्रबंध किया जाएगा और इस संबंध में सभी एसडीएम और तहसीलदारों को भी लिखित आदेश दिए गए हैं। गौरतलब है कि गगरेट से लेकर संतोषगढ़ तक सैंकड़ों प्रवासी परिवार स्वां के तट पर झुग्गियां बनाकर रह रहे हैं। 75 के करीब छोटी तथा बड़ी खड्डों का पानी स्वां नदीं में आकर मिलता है और अधिक बारिश होने पर जब नदी अपना रौद्र रूप दिखाती है तो सभी झुग्गियां तिनकों की तरह बिखर कर बह जाती हैं। लगता है विभाग ऐसे ही किसी नुकसान का इंतजार कर रहा है।

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