टाइल और सड़क पर पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री के उपयोग से तैयार होगी बिजली

Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 08 Dec, 2020 12:04 PM

electricity will be generated using tile and piezoelectric materials on the road

मकान के फर्श की टाइल और सड़क में पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री का इस्तेमाल से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी ही तकनीक तैयार की है।

मंडी (रजनीश) : मकान के फर्श की टाइल और सड़क में पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री का इस्तेमाल से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी ही तकनीक तैयार की है, जिससे पीजोइलेक्ट्रिक सामग्रियों से बिजली उत्पादन बढ़ेगा। इसके लिए शोधकर्ताओं ने पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री-यांत्रिक ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा को इंटरकन्वर्ट करने वाली सामग्री का संख्यात्मक अध्ययन किया है और नई व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है, जिसमें ये सामग्रियां तनाव (स्ट्रेस) पड़ने पर विद्युत उत्पादन बढ़ाए गई।
पीजोइलेक्ट्रिक सामग्रियाें पर बल पड़ने पर वे विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर सकती हैं। इस तरह की सामग्री फर्श की टाइल या सड़कों में उपयोग करने पर जब व्यक्ति चलेंगे तो वे सामग्रियां विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगी। यही नहीं वाहन का वजन पड़ने पर भी उत्पन्न होने वाली बिजली से सड़क और सिग्नल की रोशनी मिलेगी। हालांकि इन सामग्रियों से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा वर्तमान में बहुत कम है इसलिए इसके वास्तविक उपयोग की अपनी सीमाएं हैं।
पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री विपरीत प्रक्रिया में भी होगी लाभदायक
विद्युत
ऊर्जा की प्रतिक्रिया में यांत्रिक गति भी उत्पन्न की जा सकती है। इस तरह मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल एनर्जी इंटरकन्वर्सन की क्षमता बढ़ने से इंजीनियरिंग के उपयोगों जैसे कंपन और शोर कम करना आसान होगा और अत्याधुनिक तकनीकी उपयोग भी होंगे।
जैसे कि अंतरिक्ष में उपग्रह के एंटेना को सही जगह रखना और संचालन करना। शोधकर्ता प्रस्तावित सामग्री के यांत्रिक गुणों पर पोलिंग तकनीक के प्रभावों के अधिक सटीक अनुमान के लिए कार्यरत रहे हैं, जिससे वास्तविक जीवन में इस तकनीक के लाभ लेने की बेहतर सूझबूझ मिलेगी।
ग्रेडेड पोलिंग नामक एक तकनीक विकसित : डा. राहुल
आई.आई.टी.
मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राहुल वैश्य का कहना है कि हम ने ग्रेडेड पोलिंग नामक एक तकनीक विकसित की है, जिससे पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री का आउटपुट 100 गुना से अधिक बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने विद्युत उत्पादन बहुत बढ़ाने के लिए संख्यात्मक तकनीकों की मदद से विभिन्न यांत्रिक तनावों का उपयोग किया है जैसे पीजोइलेक्ट्रिक केंटीलीवर बीम के सबसे ऊपर और नीचे मोड़ने, कंप्रेस करने और टेंसाइल स्ट्रेस पैदा करने और मध्य में शियर स्ट्रेस का उपयोग।
ग्रेडेड पोलिंग का व्यावहारिक उपयोग चुनौतीपूर्ण : डा. राजीव
आई.आई.टी.
मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजीव कुमार ने बताया कि वर्तमान में ग्रेडेड पोलिंग का व्यावहारिक उपयोग चुनौतीपूर्ण है। हालांकि इस अध्ययन के परिणाम और ग्रेडिंग पोलिंग तकनीक से होने वाले भारी सुधार शोधकर्ताओं को वास्तविक पीजोइलेक्ट्रिक डिजाइन विकसित करने को प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें ग्रेडिंग पोलिंग तकनीक लगाकर यह उपयोग किया जा सके।
शोधकर्ताओं ने इन डिजाइनों को व्यावहारिक रूप से सफल बनाने के संभावित कदम भी बताए हैं जैसे कि सैंपल के दाहिने फेस को जमीन से जोड़ना और सबसे ऊपर के फेस को विद्युत क्षमता के साथ उपयोग करना। यांत्रिक गति से अधिक मात्रा में विद्युत उत्पादन की इस संभावना से ऐसे उपयोग किए जा सकते हैं। जिनमें स्मार्ट डिवाइस को मनुष्य के स्पर्श मात्र से पावर मिल जाएगा। अन्य उपयोग भी होंगे जैसे फुटवियर के सोल में इन सामग्रियाें के उपयोग से विद्युत का उत्पादन करना।

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