Edited By Updated: 24 Aug, 2016 11:11 AM

ग्लेशियर और एवलांच से भरे ट्रैकिंग रूटों पर रोमांच के साथ खतरा भी बढ़ा है। सभी ट्रैक रूट ट्रैकरों के लिए खुल गए हैं।
पतलीकूहल: ग्लेशियर और एवलांच से भरे ट्रैकिंग रूटों पर रोमांच के साथ खतरा भी बढ़ा है। सभी ट्रैक रूट ट्रैकरों के लिए खुल गए हैं। ये ट्रैक रूट मात्र 15 जुलाई से 10 सितम्बर तक 2 महीनों से भी कम अवधि तक खुलते हैं। हिमाचल के लंबे ट्रैक रूटों में चंद्रताल से बारालाचा, दारचा से पदम, मयाड़ के कांगला ग्लेशियर से कारगिल, जंसकर, मनाली-हामटा से छतडू, मनाली-जगतसुख से गोरुपास, पीन पास, किन्नौर, मनाली से बड़ा भंगाल, पीन वैली से स्पीति व मनाली से हनुमान टिब्बा आदि रूट न केवल रोमांच से भरे हैं बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से भी लबालब हैं।
इन ट्रैक रूटों को पार करने में 10 से 30 दिन तक का समय लगता है। शहर के सैंकड़ों युवाओं ने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। हिमालयन एडवैंचर के संचालक रूप चंद नेगी, पैरामाऊंट एडवैंचर के संचालक विशाल ठाकुर, ट्रैकर रवि ठाकुर, दिनेश व राजेश आदि ने बताया कि प्रदेश के सभी लंबे ट्रैक रूटों पर कदमताल शुरू हो गई है।