Edited By prashant sharma, Updated: 14 Dec, 2020 03:58 PM
जी, हां आपने सही पढ़ा है। आपकी एक ना आपको जेल की यात्रा भी करा सकती है इसके साथ ही आपकी जेब से 8 हजार का जुर्माना भी लग सकता है। यह ना आपके द्वारा कोरोना टेस्ट न कराने को लेकर होगी।
मंडी : जी, हां आपने सही पढ़ा है। आपकी एक ना आपको जेल की यात्रा भी करा सकती है इसके साथ ही आपकी जेब से 8 हजार का जुर्माना भी लग सकता है। यह ना आपके द्वारा कोरोना टेस्ट न कराने को लेकर होगी। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर जिला मंडी में इस प्रकार के आदेश जारी किए गए हैं। हिमाचल के जिला मंडी में कोविड-19 टेस्ट के लिए मना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें पांच दिन की जेल की सजा और अधिकतम आठ हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
आदेशों में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक्टिव केस फाइंडिंग और हिम सुरक्षा अभियान के तहत फ्लू (आईएलआई) के लक्षण पाए जाने वाले मरीजों के लिए सैंपलिंग अनिवार्य होगी। नियम तोड़ने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के अंतर्गत आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और पुलिस एक्ट की धारा 111, 114 और 115 के अंतर्गत सख्त कानूनी करने के निर्देश हैं। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। वहीं एएसपी आशीष चौधरी ने बताया कि दोषी लोगों को पांच दिन की कैद और आठ हजार तक जुर्माना हो सकता है। जिला प्रशासन ने एसपी मंडी, सीएमओ मंडी, जिला के सभी एसडीएम और नेरचौक कोविड अस्पताल प्रबंधन को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
हिम सुरक्षा अभियान के तहत शहरों के बाद अब पंचायत स्तर पर भी कोरोना सैंपल लेने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाएगा। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन का विशेष ध्यान कोरोना टेस्टिंग बढ़ा कर रोग का जल्द पता लगाने पर है। इसे लेकर मंडी जिले के सभी 11 स्वास्थ्य खंडों के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। हर पंचायत को कवर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष टीमें गठित की हैं। सोमवार 14 दिसंबर से यह अभियान शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि कोरोना जांच से समय रहते रोग का पता लगने से समय पर इलाज संभव है। इससे बहुमूल्य जीवन बचाए जा सकते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि आगे आकर स्वेच्छा से अपनी कोरोना जांच करवाएं। अपील की कि वे गांवों में आने वाली स्वास्थ्य टीमों का सहयोग करें। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को यह अधिकार रहेगा कि वे स्वास्थ्य दृष्टि से जरूरी होने पर कोरोना जांच के लिए किसी का भी सैंपल ले सकेंगी।