Solan: कुनिहार की यशिका और कसौली की देवांशी ने पास की नीट की परीक्षा

Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2024 06:05 PM

yashika from kunihar and devanshi from kasauli passed the neet exam

हाल ही में घोषित नीट के परीक्षा परिणाम में विकास खंड कुनिहार के कजियारा (दानोघाट) की बेटी यशिका ठाकुर ने अपना लोहा मनवाते हुए नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

अर्की/कुमारहट्टी (सुरेंद्र/नवीन): हाल ही में घोषित नीट के परीक्षा परिणाम में विकास खंड कुनिहार के कजियारा (दानोघाट) की बेटी यशिका ठाकुर ने अपना लोहा मनवाते हुए नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यशिका ने कुल 720 अंको में से 640 अंक लेकर यह परीक्षा पास कर डाWक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। यशिका ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई बीएल स्कूल कुनिहार से व 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय कुनिहार से पूरी करने के बाद एक साल एस्पायर इंस्टीट्यूट शिमला से नीट की कोचिंग ली। यशिका की इस उपलब्धि से दादा चेतराम, दादी लीला देवी, पिता रविंद्र सिंह ठाकुर, माता मीना ठाकुर, बहन गुंजन व भाई वंश ठाकुर सहित पूरा परिवार बहुत खुश है और उन्हें लोगों की ढेरो बधाइयां मिल रही हैं। यशिका की माता मीना ठाकुर जोकि पेशे से राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुनिहार में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं, उन्होंने बताया कि हमें अपनी बेटी पर नाज है जिसने अपनी कड़ी मेहनत से इस उपलब्धि को हासिल किया है। यशिका ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता को देते हुए कहा कि मेरी मेहनत के साथ सबसे बड़ा योगदान मेरे परिवार का रहा। यशिका ने कहा कि बचपन से ही मेरा सपना डाॅक्टर बनकर लोगों की सेवा करने का है जो अब माता-पिता के आशीर्वाद से जरूर पूरा होगा।

सर्जन बनना है देवांशी का सपना
वहीं कसौली की देवांशी सिंह ने 720 में से 613 अंक लेकर नीट की परीक्षा पास की है। देवांशी सिंह मूल रूप से नाहन तहसील के गांव गुमटी की रहने वाली है। देवांशी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा डीएवी स्कूल नाहन से प्राप्त की। वह माध्यमिक शिक्षा सेंट मैरी स्कूल कसौली व उच्च शिक्षा सेंट लुक्स स्कूल सोलन से प्राप्त की। देवांशी शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहती थी। अपनी लगन व माता-पिता के आशीर्वाद से पहले ही प्रयास में उसने यह कठिन परीक्षा पास की। देवांशी सिंह के पिता जगपाल सिंह कसौली में तहसीलदार पद पर कार्यरत हैं जबकि माता गृहिणी हैं। देवांशी ने बताया कि उसकी इस सफलता के पीछे जहां उसकी मेहनत रही है, वहीं स्कूल से मिली अच्छी शिक्षा व माता-पिता के साथ व आशीर्वाद के कारण ही वह इस परीक्षा में सफल हो पाई है। देवांशी का सपना एक सफल सर्जन डॉक्टर बनने का है।
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