Edited By Vijay, Updated: 12 Jun, 2019 04:00 PM
नूरपुर की पंचायत रिट की छोंछ खड्ड में पिछले लगभग 8 वर्षों से स्थापित सिंचाई के लिए 3 ट्यूबवैल में से लगातार पानी बह रहा लेकिन उसका कहीं कोई उपयोग आजतक होता हुआ नजर नहीं आया है। यहां व्यर्थ में बह रहा पानी ‘जल ही जीवन है’ के नारे को बट्टा लगाता हुआ...
नूरपुर (भूषण शर्मा): नूरपुर की पंचायत रिट की छोंछ खड्ड में पिछले लगभग 8 वर्षों से स्थापित सिंचाई के लिए 3 ट्यूबवैल में से लगातार पानी बह रहा लेकिन उसका कहीं कोई उपयोग आजतक होता हुआ नजर नहीं आया है। यहां व्यर्थ में बह रहा पानी ‘जल ही जीवन है’ के नारे को बट्टा लगाता हुआ साबित हो रहा है। बता दें कि 8 वर्ष पहले सिंचाई मंत्री रविन्द्र सिंह रवि ने इन तीनों ट्यूबवैल का शिलान्यास किया था।
न स्टाफ और न ही कोई ढंग का प्रावधान
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुरेश पठानिया ने बताया कि रिट पंचायत में तीन 3 पेयजल उठाऊ योजनाओं से किसी भी क्षेत्र में पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है। यहां पर न तो कोई स्टाफ रखा गया है और न ही ठीक ढंग से कोई प्रावधान हो पाया है। जब भी पानी की जरूरत होती है तो वहां पर कोई न कोई खराबी पाई जाती है। सरकार को ऐसी स्कीमें चलाने की बजाय एक जगह सोच-समझकर पैसा खर्च करना चाहिए ताकि उसका सदुपयोग हो सके।
8 वर्षों में लाखों लीटर पानी हुआ बार्बाद
जिला परिषद सदस्य उदय पठानिया ने कहा कि रिट पंचायत में लगभग 8 वर्ष पहले से ये बम्बियां चली हुई हैं। जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश की सेवा के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं, वही पर हमारे विभाग या उनके अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली बदलने को तैयार नहीं हैं। एक ओर नूरपुर की पंचायतें पानी की समस्या से बुरी तरह से त्रस्त हैं तो यहां पर 2 बम्बिया लगभग 8 सालों से चल रही हैं। इस तरह 9 वर्षों से लाखों लीटर पानी व्यर्थ में बहकर बर्बाद हो रहा है। उन्होंने विभाग से मांग करते हुए कहा कि जो दोषी अधिकारी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए तथा समस्या का समाधान किए जाए।
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
आई.पी.एच. विभाग के एक्सियन के.के. कपूर ने बताया कि ये 3 ट्यूबवैल सैंक्शन हुए थे, जिसमें एक का काम चला हुआ है तथा बाकी जो 2 ट्यूबवैल हैं वे सिंचाई के ट्यूबवैल हैं उनके भी टैंडर अवार्ड कर दिए हैं। जैसे ही पाइप आएगी काम को शुरू कर दिया