Edited By kirti, Updated: 27 Jan, 2020 05:24 PM
19 वर्षों तक एक अध्यापक ने बच्चों को बिना आवाज के ही शिक्षित किया। बता दें कि इस अध्यापक ने जिस भी कक्षा के छात्रों को पढ़ाया उनके नतीजे भी बेहतर निकले। अब 19 साल बीत जाने के बाद उस अध्यापक की आवाज अपने आप ही वापिस लोट आयी ...
नाहन(सतीश): 19 वर्षों तक एक अध्यापक ने बच्चों को बिना आवाज के ही शिक्षित किया। बता दें कि इस अध्यापक ने जिस भी कक्षा के छात्रों को पढ़ाया उनके नतीजे भी बेहतर निकले। अब 19 साल बीत जाने के बाद उस अध्यापक की आवाज अपने आप ही वापिस लोट आयी , इसे चमत्कार कहें या कुछ और। अब वो शिक्षक बोलकर भी बच्चों को अच्छी तरह से पढ़ा रहे हैं। पांवटा साहिब क्षेत्र के गांव कोटडी व्यास के गोपाल चंद टोकियो स्कूल मे भाषा अध्यापक के तौर पर तैनात हैं। करीब 19 वर्ष पहले गोपाल चंद की अचानक ही आवाज चली गई। उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ तक उपचार करवाया लेकिन चिकित्सक ने कहा कि कोई बीमारी नही हैं।
इस प्रकार एक तरह से मौन रहकर उक्त शिक्षक ने बच्चों को पढाने का कार्य बखूबी किया। अब शिक्षक के मुताबिक एक चमत्कार ही है कि ईश्वरीय कृपा से अपने आप ही इतने वर्षो बाद कुछ माह पूर्व उनकी आवाज लौट आई। अब वह अच्छी तरह से बोल सकते हैं और बच्चों को पहले से अधिक अच्छी तरह समझा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहले वो ब्लेकबोर्ड व कागज पर लिखकर बच्चों को पढाते थे। शिक्षक को ख़ुशी इस बात की है की उसके साथ चमत्कार हो गया है, अब बच्चों को समझाने के लिए पहले से कम मेहनत करनी पड़ती है।
हालांकि बोल न पाने की वजह से बच्चों की शिक्षा मे कोई कमी नही रही और उनका परीक्षा परिणाम 80 प्रतिशत से उपर ही रहा। लेकिन अब उनकी आवाज आने पर बच्चों मे भी खुशी है। स्कूल के मुख्य शिक्षक देविंदर सिंह ने बताया कि भाषा अध्यापक गोपाल बढ़ाने में बेहद ही निपुण है उन्होंने कहा कि जब उन्होंने यह स्कूल ज्वाइन किया तो देखा कि गोपाल बोल नहीं पाते हैं पर बच्चों को पढ़ाने में बखूबी कामयाब है उन्होंने भी इस बात पर हैरानी जताई कि अचानक ही शिक्षक की आवाज लौट आई उन्होंने इसे स्कूल और छात्रों के लिए भी बेहद सुखद बताया।