Edited By Ekta, Updated: 03 Oct, 2019 11:35 AM
भाजपा चार्जशीट के आधार पर विजिलैंस ने कथित डीजल घोटाले की जांच नए सिर से शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जांच एजैंसी द्वारा आने वाले दिनों में मामले से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लिया जा सकता है। हाल ही में सरकार ने विजीलैंस को मामले की फिर से जांच के आदेश...
शिमला (राक्टा): भाजपा चार्जशीट के आधार पर विजिलैंस ने कथित डीजल घोटाले की जांच नए सिर से शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जांच एजैंसी द्वारा आने वाले दिनों में मामले से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लिया जा सकता है। हाल ही में सरकार ने विजिलैंस को मामले की फिर से जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में तय समयावधि के बीच प्रारंभिक जांच पूरी कर विजिलैंस सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। ऐसे में यदि विजीलैंस की प्रारंभिक जांच में किसी तरह की अनियमितताएं पाई जाती हैं तो कई तत्कालीन अधिकारियों सहित अन्य जांच दायरे में आ सकते हैं। हालांकि भाजपा चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को कांग्रेस पहले ही नकार चुकी है।
ये रहे पहले-दूसरे स्थान पर
भाजपा ने चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि पठानकोट डिपो 1 करोड़ 34 लाख 64 हजार 700 लीटर तेल डाल कर प्रथम स्थान पर रहा। इसी तरह ऊना डिपो ने 1 करोड़ 1 लाख 23 हजार 442 लीटर तेल प्राइवेट डिपो से डाल कर दूसरा स्थान हासिल किया।
ये भी आरोप
भाजपा ने चार्जशीट में यह भी आरोप दागा है कि एच.आर.टी.सी. द्वारा जिला सिरमौर में डीजल खरीद में कांग्रेस के विशेष नेता को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ी मात्रा में कोटेशन के आधार पर डीजल खरीद किया गया, जिसके टैंडर नहीं किए गए। नियमानुसार पैट्रोल पंप मालिक केवल अपने पंप से ही डीजल-पैट्रोल बेच सकता है न कि कंपनी से आया हुआ टैंकर सीधा किसी अन्य स्थान पर बेच सकता है।