केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जयराम सरकार को लिखा पत्र, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 19 Apr, 2018 10:59 PM

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केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने यौन अपराधों से निपटने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों के बारे में हिमाचल सरकार को एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम लिखे गए पत्र में केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के...

शिमला: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने यौन अपराधों से निपटने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों के बारे में हिमाचल सरकार को एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम लिखे गए पत्र में केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने और नियंत्रित करने में उठाए जाने वाले कदमों को रेखांकित किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि सभी पुलिस अधिकारियों को यौन अपराधों के विभिन्न पहलुओं, विशेषकर साक्ष्य एकत्रित और संरक्षित करने से जुड़े पहलुओं के बारे में फिर से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए जा सकते हैं कि वे बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध के मामलों की जांच सख्ती से कानून की समय सीमा के अंदर पूरी करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।


अपराधियों के साथ साठगांठ करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
इसी तरह राज्य सरकार को ऐसे पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो जांच में बाधा डालते पाए जाते हैं या अपराधियों के साथ साठगांठ कर रहे हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि तेज और समयबद्ध पेशेवर जांच ही एक तरीका है, जिसमें संभावित अपराधों को रोका जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि यौन अपराधों के लिए या बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के लिए विशेष सैल गठित करना महत्वपूर्ण कदम होगा। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल के साथ अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी इसी तरह का पत्र लिखा है।


फोरैंसिक प्रयोगशाला स्थापित करने की पेशकश
महिला और बाल विकास मंत्री ने फोरैंसिक प्रयोगशाला स्थापित करने में राज्य सरकार को मदद की भी पेशकश की है। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल यौन अपराधों की जांच में साक्ष्य के फोरैंसिक विश्लेषण के लिए किया जा सकता है।


175 वन-स्टॉप सैंटर स्थापित
केेंद्रीय मंत्री ने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि राज्य सरकार चाइल्ड हैल्पलाइन नं.-1098 के साथ पोक्सो के अंतर्गत स्थापित ई-बॉक्स का उपयोग बच्चों में जागरूकता पैदा करने के लिए करे। मेनका गांधी ने कहा है कि अब तक महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए 175 वन-स्टॉप सैंटर स्थापित किए गए हैं। वन-स्टॉप सैंटर उन महिलाओं की मदद के लिए हंै, जिनकी पहुंच पुलिस या चिकित्सा सुविधाओं तक नहीं है या जो विपदा के समय थाने में जाने में सक्षम नहीं हैं।


राज्य सरकार से मांगे सुझाव
मेनका गांधी ने पत्र में इस बात पर बल दिया है कि जिन मामलों में रिपोर्ट और रिकॉर्ड रखने में विफलता हुई है, उन मामलों में पोक्सो अधिनियम के अनुच्छेद-21 को लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद-21 में व्यवस्था है कि अनुच्छेद 20/21 के अंतर्गत रिपोर्ट करने और रिकॉर्ड रखने में विफल किसी अधिकारी को दंडित किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों के साथ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए राज्य सरकार से सुझाव भी मांगे हैं।

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