हिमाचल में आज सामूहिक अवकाश पर रहेंगे 2900 डाॅक्टर, मरीजों को उठानी पड़ेगी परेशानी

Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2024 12:39 AM

today 2900 doctors will be on collective leave

यदि आज लोग अस्पतालों में जाकर अपना उपचार करवाना चाहते हैं तो मत ही जाएं क्योंकि राज्य के अस्पतालों में तैनात प्रदेशभर के करीब 2900 डाॅक्टर सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं सुचारू रहेंगी लेकिन ओपीडी में मरीजों की जांच...

शिमला (संतोष): यदि आज लोग अस्पतालों में जाकर अपना उपचार करवाना चाहते हैं तो मत ही जाएं क्योंकि राज्य के अस्पतालों में तैनात प्रदेशभर के करीब 2900 डाॅक्टर सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं सुचारू रहेंगी लेकिन ओपीडी में मरीजों की जांच नहीं हो पाएगी। ऐसे में मरीजों को शुक्रवार को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। एनपीए बहाली सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर वैसे तो प्रदेश के डाॅक्टर पिछले एक वर्ष से मांगें उठा रहे हैं लेकिन 49 दिनों से काले बिल्ले लगाकर विरोध किया जा रहा है जबकि 16 दिनों से अढ़ाई घंटे की पैनडाऊन स्ट्राइक चली हुई है। मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के मिनट्स ऑफ मीटिंग बैठक में हुई बातों से भिन्न है जबकि स्वास्थ्य मंत्री के साथ हाल ही में हुई बैठक के भी मिनट्स नहीं पहुंचे हैं। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (एचएमओए) के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के डाॅक्टर अब शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे और उसके बाद भी उनका विरोध जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं कर लिया जाता है।

प्रतिदिन 25 से 30 हजार की होती है ओपीडी
हिमाचल के अस्पतालों में रोजाना 25 से 30 हजार की ओपीडी होती है। अकेले आईजीएमसी शिमला में 3200 से 3500 की प्रतिदिन ओपीडी होती है। कमला नेहरू अस्पताल में 1000 से 1200, डीडीयू अस्पताल शिमला में 1400 से 1500 ओपीडी के अलावा टांडा मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं।

पहले ही आधे डाॅक्टर
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी और प्रदेश के एकमात्र मातृ शिशु अस्पताल में पहले ही डाॅक्टरों की संख्या आधी चल रही है क्योंकि यहां के डाॅक्टर विंटर वैकेशन पर चले हुए हैं। इन दोनों अस्पतालों के 136 डाॅक्टर द्वितीय चरण में अवकाश पर गए हुए हैं जोकि 18 मार्च तक छुट्टी पर रहेंगे। ये डाॅक्टर 19 मार्च को अस्पतालों में ओपीडी में उपलब्ध रहेंगे। ऐसे में जहां मरीजों की परेशानियां पहले ही बढ़ी हुई थीं, वहीं अढ़ाई घंटे की पैन डाऊन स्ट्राइक मरीजों पर भारी पड़ रही है। अब डाॅक्टर शुक्रवार को सामूहिक अवकाश को बाध्य हो गए हैं।

सामूहिक अवकाश के बाद बनाएंगे आगामी रणनीति
एचएमओए के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा व महासचिव डाॅ. विकास ठाकुर ने कहा कि सरकार की शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग भी है और संघ को भरोसा है कि इस कैबिनेट में उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा क्योंकि मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के मिनट्स बैठक के दौरान हुई मंत्रणा से भिन्न हैं। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर डाॅक्टर जहां अभी सिर्फ सामूहिक अवकाश कर रहे हैं, वहीं आवश्यकता पड़ने पर डाॅक्टर और ठोस निर्णय लेने को बाध्य हो जाएंगे।
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