मंडी की लाडली प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, याद में छलके आंसू

Edited By Vijay, Updated: 17 Mar, 2024 05:07 PM

thousands of people pay tribute to prof simmi agnihotri

मंडी की लाडली बेटी, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नी प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की याद में रविवार को मंडी के भीमाकाली मंदिर परिसर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस मौके मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी डाॅ. आस्था अग्निहोत्री को ढांढस...

मंडी (रजनीश हिमालयन): मंडी की लाडली बेटी, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नी प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की याद में रविवार को मंडी के भीमाकाली मंदिर परिसर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस मौके मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी डाॅ. आस्था अग्निहोत्री को ढांढस बंधाने, दुख की घड़ी में साथ होने का भाव लेकर हजारों की तादाद में उमड़े मंडी वासियों ने प्रो. सिम्मी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी स्मृतियों के जिक्र पर वहां उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम रहीं। बता दें कि मंडी शहर प्रो. सिम्मी का मायका था। उनके पिता का घर शहर के भगवाहन मोहल्ले में है। यहीं उनका बचपन बीता, यहीं युवा अवस्था के सपने बुने। बचपने की नादानियों से लेकर जीवन की शीर्ष सफलताओं तक मंडी और मंडी वासियों की अपनी लाडली बेटी प्रो. सिम्मी से जुड़ी अनेकों सुरभित स्मृतियां हैं। प्रो. सिम्मी का 9 फरवरी को अकस्मात निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार उनके ससुराल हरोली के गोंदपुर जयचंद में किया गया था। 
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1968 में मंडी शहर के भगवाहन मोहल्ले में हुआ था सिम्मी का जन्म
प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री ने अल्प अवधि में बड़ा जीवन जिया। वर्ष 1968 में मंडी शहर के भगवाहन मोहल्ले में जन्मी सिम्मी बचपन से ही अध्ययनशील थीं। स्वभाव में चुलबुली सिम्मी पढ़ने में सबसे आगे रहती थीं। कुशाग्र बुद्धि सम्पन्न सिम्मी ने छोटी आयु में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की और वर्ष 1996 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगीं। बहुआयामी प्रतिभा की धनी प्रो. सिम्मी विद्यालय शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी बहुआयामी प्रतिभा के सशक्त हस्ताक्षर दर्ज करवाती रहीं। खेलों में भागीदारी से लेकर गायन, नाटक और नृत्य की हर विधा में अग्रणी रहना तथा हर किरदार उत्कृष्टता से जीना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा था। सबसे मिलना-जुलना, खूब बातें करना और जिन्दगी को जिंदादिली से जीना, ये उनकी शख्सियत की पहचान थी। उत्कृष्ट शिक्षाविद् प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री विद्यार्थियों की चहेती थीं। उनके मार्गदर्शन में 50 से अधिक विद्यार्थियों ने एमफिल-पीएचडी शोध किए। प्रो. सिम्मी को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए बैस्ट टीचर अवार्ड, वूमैन अचीवर अवार्ड एवं नारी शक्ति अवार्ड से भी नवाजा गया था। उनकी लिखी एक पुस्तक का विमोचन गत दिनों प्रदेश के राज्यपाल के करकमलों से सम्पन्न हुआ था। 
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सामाजिक सरोकार की पैरोकार
प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री समाज सेवा के कार्य में भी लगातार सक्रिय थीं। वह आस्था फाऊंडेशन के नाम से एक एनजीओ का संचालन कर रही थीं। इसके माध्यम से वह नशे के खिलाफ आंदोलन, सड़क सुरक्षा अभियान समेत हर सामाजिक कार्य में आगे बढ़कर योगदान देती रहीं।
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इरादों की अटल...पति की जीत पर हर बार नंगे पांव पहुंचीं
प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री इरादों की ऐसी अटल थीं कि लगातार 5 बार विधायक के रूप में रिकाॅर्ड मतों से विजयी रहे मुकेश अग्निहोत्री की पांचों जीत में हर बार निर्णायक भूमिका निभाई। हर जीत के बाद वह नंगे पांव माता ज्वालामुखी, बगलामुखी मंदिर शीश नवाने घर से पैदल पहुंचतीं थीं। 
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असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं मेरी मां : डाॅ. आस्था
डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने प्रार्थना सभा में उपस्थित रहे सभी लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनकी मां प्रो. सिम्मी असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं। बहुप्रतिभाशाली, नेकदिल और दूसरों के प्रति समर्पित थीं। उनकी मां के जाने के बाद पूरे प्रदेश में जिस प्रकार की दुख की अभिव्यक्ति देखने को मिली वह उनकी महान शख्सियत को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि मंडी की बेटी प्रो. सिम्मी ने अपनी प्रतिभा, जिंदादिली से दूसरों की नि:स्वार्थ सेवा और समर्पण से हरोली का दिल जीत लिया था। मंडी की बेटी प्रो. सिम्मी एक सफल बहू और मां के रूप में सफल भूमिका निभाती रहीं। आस्था ने कहा कि उनके पिता मुकेश अग्निहोत्री के 5 बार चुनाव जीतने में प्रो. सिम्मी का त्याग और समर्पण शामिल था। उनके फौलादी इरादे इस बात से जाहिर होते कि हर बार चुनाव जीतने के बाद वह माता चिन्तपूर्णी और कुलदेवी ज्वालाजी के मन्दिर में नंगे पांव पहुंचतीं और वहां नतमस्तक होतीं। 
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हमेशा सुनाती थीं मंडी के किस्से 
डॉ. आस्था ने बताया कि उनकी मां हमेशा मंडी के किस्से सुनाती थीं। मंडी का उनके जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान था। यहां के लोग उनके दिल के बहुत करीब थे। वे अपने रिश्तेदारों, सहपाठियों, सहेलियों के साथ की शरारतों के किस्से सुनाती थीं। मंडी से ही उनमें शिक्षा और ज्ञान की लौ जली। प्रो. सिम्मी का जाना उनके जीवन के लिए ही नहीं बल्कि अनगिनत जीवन के लिए अपूर्णीय क्षति है। 

ये रहे माैके पर उपस्थित
पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिल शर्मा,  रंगीला राम राव, प्रकाश चौधरी, सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक चंद्रशेखर, एचआरटीसी निदेशक मंडल के सदस्य धमेंद्र धामी और विकास कपूर, नगर निगम महापौर विरेंद्र भट्ट, चंपा ठाकुर, नरेश चौहान, कांग्रेस के महासचिव शशि शर्मा, प्रदेश सचिव जगदीश सचिव, राकेश चौहान, जिला कार्यकारी अध्यक्ष हरेंद्र सेन, कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी, परिजनों, परिचितों और मंडी जिले के कोने-कोने से आए लोगों ने प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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