इस बार किसान आंदोलन और भी उग्र और व्यापक होगा : नोटी

Edited By prashant sharma, Updated: 31 Jan, 2022 03:40 PM

this time farmers  movement will be more fierce and widespread noti

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राज्याध्यक्ष अनिंदर सिंह नोटी की अगुवाई में किसानों ने आज ऊना मुख्यालय पर राज्य स्तरीय विश्वासघात दिवस मनाया। किसानों ने दिल्ली में किसान आंदोलन की वापसी के समय सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा

ऊना (अमित शर्मा) : भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राज्याध्यक्ष अनिंदर सिंह नोटी की अगुवाई में किसानों ने आज ऊना मुख्यालय पर राज्य स्तरीय विश्वासघात दिवस मनाया। किसानों ने दिल्ली में किसान आंदोलन की वापसी के समय सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने के लिए किए गए वायदों के पूरा न होने के चलते किसानों ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र भी भेजा। इस मौके पर किसानों ने ये भी चेतावनी दी कि दिल्ली में इस बार किसान आंदोलन और भी उग्र और व्यापक होगा। उन्होंने कहा कि कई विषयों पर सहमति के बावजूद भी आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है। एमएसपी पर विचार के लिए कमेटी का गठन नहीं किया गया है। बिजली बिल पर भी कोई चर्चा नहीं की जा रही है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों में भी किसानों के मुकदमें वापिस नहीं किये गये हैं। 

भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया गया। यूनियन प्रदेश अध्यक्ष अनिंदर सिंह नोटी ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानूनों के विरूद्ध चल रहे आन्दोलन के समझौते के समय कुछ मुद्दो पर किसान संगठनों और सरकार के बीच सहमति बनी थी। जिसके संबंध में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के सचिव ने 9 दिसम्बर 2021 को लिखित पत्र भेजा गया था। पत्र में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार किसानों को एमएसपी मिलनी सुनिश्चित किये जाने हेतु एक कमेटी का गठन किया जाना था, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को भी शामिल करना था।

वहीं किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें तत्काल प्रभाव से वापिस लिये जाने थे, केस वापिस लेने की सहमति उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की गयी है। भारत सरकार से सम्बन्धित विभाग और एजेंसियों तथा दिल्ली सहित सभी संघशासित क्षेत्रों में आन्दोलनकारियों एवं समर्थकों पर दर्ज किये गये आन्दोलन सम्बन्धित सभी केस भी तत्काल प्रभाव से वापिस लेने की सहमति बनी थी। लेकिन कोई केस वापिस नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखीमपुर की घटना में घायल किसानों को भी मुआवजा नहीं दिया गया है। लखीमपुर की घटना में संलिप्त अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि अबकी बार धरना दिल्ली की सीमाओं पर नहीं संसद भवन और इंडिया गेट पर होगा।
 

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