ये है कांग्रेस की चार्जशीट , देखें किस पर हैं क्या आरोप

Edited By kirti, Updated: 27 Dec, 2018 02:41 PM

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निकम्मी सरकार, एक साल बदहाल का शोर मचाते कांग्रेसी आज तीन किमी पैदल चलते हुए राजीव भवन से राजभवन पहुंचे। इस उमड़ी भीड़ के बीच पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में नेताओं ने राज्यपाल की गैर मौजूदगी में राजभवन के अधिकारी को...

शिमला(योगराज) : निकम्मी सरकार, एक साल बदहाल का शोर मचाते कांग्रेसी आज तीन किमी पैदल चलते हुए राजीव भवन से राजभवन पहुंचे। इस उमड़ी भीड़ के बीच पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में नेताओं ने राज्यपाल की गैर मौजूदगी में राजभवन के अधिकारी को चार्जशीट सौंपी। इस चार्जशीट में प्रदेश की जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के एक साल के कार्यकाल को लेकर लगाए गए आरोपों की फेहरिस्त है।

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इससे पहले पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में सभी कांग्रेसी इकट्ठे हुए व जमकर नारेबाजी की। ये ठीमक उस वक्त हो रहा था जब जयराम सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा करने के उपलक्ष्य में धर्मशाला में रैली चल रही थी, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे हुए थे। उसी वक्त शिमला में सरकार विरोधी नारेबाजी हो रही थी। सुक्खू की अगुवाई में आज तमाम कांग्रेसियों की भारी भीड़ उमड़ी थी। कांग्रेसी आज के दिन को बीजेपी सरकार का एक साल पूरा होने पर निकम्मा दिवस के रूप में मना रही है। कांग्रेसियों ने केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की जयराम सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता थाली बजाकर अपना गुस्सा जाहिर करती दिखीं।




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सरकार की इन नाकामियों को लेकर मनाया गया निकम्मा दिवस :

- प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था, आपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद, रेप व हत्या के मामले बढ़े।
-हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज की सैर कराने के लिए घोषित उड़ान योजना हुई धराशायी, 2500 का टिकट 18000 में मिल रहा।
-उड़ान योजना के तहत सीएम जयराम ठाकुर की ओर से घोषित हेली टैक्सी योजना भी ठप,
-घोषणा के बाद शिमला से चंडीगढ़ तक दो दिन ही चली हेली टैक्सी। सेब पर आयात मूल्य पचास फीसदी नहीं बढ़ा पाई सरकार, बागवानों को दो हजार करोड़ का नुकसान।
-गिरी पार के हाटी समुदाय को नहीं दिया गया एसटी का दर्जा।
-बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाई सरकार।
-किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य देने में विफल।
-केंद्र से प्रदेश के लिए वित्तीय पैकेज लाने में नाकाम, हर महीने लेना पड़ रहा कर्ज।
- प्रदेश में बड़े पैमाने पर तबादला उद्योग रहा सक्रिय, अधिकारियों-कर्मचारियों का किया जा रहा उत्पीडऩ।
-प्रदेश की सड़कें खस्ताहाल, केंद्र से मंजूर एनएच की डीपीआर तक नहीं बनी।



 

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