Edited By kirti, Updated: 19 Mar, 2019 01:06 PM
केंद्र और राज्य सरकार घर-घर बिजली और गैस चूल्हा उपलब्ध करवा रही है वहीं डलहौजी में डांड पंचायत के डूग्शु गांव का एक परिवार इन सारी योजनाओं से वंचित है। यह इतना गरीब है कि जिस दिन इनको 2 टाइम का खाना नसीब हो जाए तो वो दिन इनके लिए एक त्यौहार जैसा...
डलहौजी (सुभाष): केंद्र और राज्य सरकार घर-घर बिजली और गैस चूल्हा उपलब्ध करवा रही है वहीं डलहौजी में डांड पंचायत के डूग्शु गांव का एक परिवार इन सारी योजनाओं से वंचित है। यह इतना गरीब है कि जिस दिन इनको 2 टाइम का खाना नसीब हो जाए तो वो दिन इनके लिए एक त्यौहार जैसा होता है। ये परिवार आईआरडीपी में आता है लेकिन फिर भी अपना हक पाने के लिए 11 सालों से सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है। कयूम खान और उसकी पत्नी दोनों ही ठीक से बोल भी नहीं पाते और मजदूरी कर अपने घर का खर्च चला रहे हैं। उनके दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं।
दोनों बच्चे दीये की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार ने सरकार से उन्हें गैस कनेक्शन और बिजली उपलब्ध करवाने की मांग की है। उधर जब इस बारे में एसडीएम सलूणी विजय धीमान से बात की गई तो साहब ने जानकारी न होने की बात कहकर जांच का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ दिया। आइआरडीपी में आने के बाबजूद इस परिवार की कोई सुनवाई नही हुई।
जब भी कयूम खान बिजली विभाग गया उसे कहा गया 5000 जमा करवाओ फिर बिजली आएगी। जो व्यक्ति मनरेगा में काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा हो, वो बिजली का बिल कैसे दे पाएगा। गैस के लिए भी यही समस्या सामने आई, कई बार विभाग के सामने फरियाद लगाई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। घर की हालत इतनी दयनीय है की कब गिर जाए नही कहा जा सकता लेकिन परिवार गरीबी की मार झेलने के कारण जैसे तैसे अपना जीवन बसर कर रहा है। जहां सरकार और उसके कारिंदे गरीब को हर संभव मदद देने के बड़े बड़े दावे करते हैं वहीं इस मामले ने सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है।