जम्मू बस हादसा : परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, बेटी की डोली उठने से पहले पिता की उठी अर्थी

Edited By Jyoti M, Updated: 25 Feb, 2025 02:03 PM

the happiness of the house turned into mourning

कहते हैं कि एक पिता के लिए उसकी बेटी का विवाह सबसे बड़ी खुशी का पल होता है, लेकिन ज्वालामुखी उपमंडल की ग्राम पंचायत गाहलियां निवासी राकेश कुमार के परिवार के लिए यह खुशी मातम में बदल गई। राकेश कुमार (55) की बेटी की शादी की तैयारियों के बीच एक दिल...

हिमाचल डेस्क। कहते हैं कि एक पिता के लिए उसकी बेटी का विवाह सबसे बड़ी खुशी का पल होता है, लेकिन ज्वालामुखी उपमंडल की ग्राम पंचायत गाहलियां निवासी राकेश कुमार के परिवार के लिए यह खुशी मातम में बदल गई। राकेश कुमार (55) की बेटी की शादी की तैयारियों के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने परिवार को शोक में डाल दिया। माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से जम्मू आ रही एक बस के खाई में गिरने से राकेश कुमार की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा इतना बड़ा था कि राकेश कुमार के परिवार का खुशियों भरा माहौल चंद दिनों में सन्नाटे में बदल गया।

राकेश कुमार की मृत्यु से पूरे परिवार पर गहरा आघात लगा है। बताया जाता है कि राकेश कुमार 1990-91 से बतौर बस चालक कार्यरत थे और अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों में बेहद अनुभवी और सुरक्षित चालक माने जाते थे। उनकी कार्य शैली हमेशा सटीक और चौकस रही थी। उनके खाते में कभी कोई सड़क दुर्घटना दर्ज नहीं थी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उनकी जिंदगी का अंतिम मोड़ बन गया। राकेश कुमार की मौत ने न केवल उनके परिवार को झकझोर दिया, बल्कि उनकी बेटी की शादी की खुशियों को भी मातम में बदल दिया।

राकेश कुमार के भाई संजय कुमार ने बताया कि परिवार बेटी की शादी की तैयारियों में व्यस्त था। अगले साल 4 फरवरी 2026 में बेटी की शादी रखी गई थी। शादी के लिए पूरा परिवार खुश था, लेकिन यह अप्रत्याशित हादसा सब कुछ बदल गया। परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि बेटी की शादी से पहले घर में राकेश कुमार की अर्थी उठेगी। एक तरफ जहां शादी के उत्सव की तैयारी चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ घर में शोक की लहर दौड़ गई।

घटना के बाद, ग्राम पंचायत गाहलियां के  प्रधान महिंद्र सिंह और उपप्रधान अनिल कुमार ने इस दुर्घटना को दुखद बताया और परिवार के लिए सरकार से मदद की अपील की। उन्होंने प्रशासन से यह मांग की कि राकेश कुमार के परिवार को उचित मुआवजा और आर्थिक सहायता दी जाए, क्योंकि अब परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा है। इस दुर्घटना के कारण परिवार की खुशियों को गहरा धक्का लगा और उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया।

सड़क हादसा उस समय हुआ जब श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से जम्मू जा रही एक बस अंधेरे में मांडा, राम के मोड़ों पर 30 फीट गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में बस चालक राकेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। बस में सवार 17 यात्री घायल हो गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। 

राकेश कुमार के परिवार में अब केवल उनकी मां, पत्नी, तीन विवाहित बेटियां और एक बेटा ही बचें हैं। इस परिवार का मुख्य सहारा राकेश कुमार ही थे, और अब उनकी अचानक मौत ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है। सामाजिक संगठनों, ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार से इस परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की है, ताकि वे इस दुख की घड़ी में किसी तरह अपना जीवन यापन कर सकें।

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