Edited By Ekta, Updated: 26 Jun, 2019 03:13 PM
कुल्लू के बंजार में हुए दर्दनाक हादसे से सबक लेकर भले ही प्रशासन ने ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त निर्देंश दे दिए हैं लेकिन बस ऑपरेटर इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। ओवरलोडिंग के नाम पर ऑपरटरों की चल रही मनमानी से अब लोकल सवारियों और सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों...
कुल्लू (दिलीप): कुल्लू के बंजार में हुए दर्दनाक हादसे से सबक लेकर भले ही प्रशासन ने ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त निर्देंश दे दिए हैं लेकिन बस ऑपरेटर इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। ओवरलोडिंग के नाम पर ऑपरटरों की चल रही मनमानी से अब लोकल सवारियों और सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि बस ऑपरेटर ओवरलोडिंग के नाम पर अब स्कूली बच्चों और कम किराए वाली सवारियों को बसों में चढ़ने नहीं दे रहे क्योंकि उनका मकसद बड़ी सवारियों को ही बस में बिठाना है।
कुछ ऐसी ही परेशानियों से कुल्लू के स्कूली छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बच्चे एक या दो नहीं बल्कि 14-14 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं।बच्चे सुबह चार बजे उठते हैं और घने जंगली रास्ते से होते हुए 11 से 12 बजे पहुंचते हैं यानी की स्कूली वक्त से करीब 3 घंटे लेट। स्थानीय छात्र ममता कुमारी ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से बस स्टेशन में बस नहीं रूक रही है और बस के अंदर चढ़ने पर छात्राओं को बस से बाहर उतारा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पाहनाला, दोहरानाला में स्कूली छात्रों को पैदल सफर करना पड़ रहा है और पिछले 1 सप्ताह से सैकड़ों स्कूली छात्र परेशान होकर पैदल चलने से स्कूल देरी से पहुंच रहे है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से छात्र 3 घंटे गांव से पैदल चलकर सड़क तक पहुंचते है और उसके बाद बस नहीं रूकती जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को यातायात की सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली छात्रों के लिए स्पैशल बस चलाई जाए जिससे छात्रों को यातायात की समस्या का समाधन करें।