हिमाचल में 8520 करोड़ रुपए की 4 बड़ी टू-लेन सड़कों के लिए होंगे टैंडर

Edited By Vijay, Updated: 28 Nov, 2021 09:03 PM

tenders for 4 big two lane roads worth rs 8520 crore

केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह को सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारी वरुण अग्रवाल ने प्रस्तुति के माध्यम से जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश राज्य में 2592 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च मार्ग हैं, जिनमें से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के...

कुल्लू (ब्यूरो): केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह को सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारी वरुण अग्रवाल ने प्रस्तुति के माध्यम से जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश राज्य में 2592 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च मार्ग हैं, जिनमें से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास 700 किलोमीटर लंबी सड़कों का कार्य है। उन्होंने कहा कि 155 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है जबकि 34 किलोमीटर टू-लेन की लंबाई पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 85 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया और चालू वित्त वर्ष के दौरान 194 किलोमीटर लंबी 8 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है। 8 परियोजनाओं में से 4 सड़कों के लिए टैंडर अभी किए जाने हैं, इस कार्य को जल्द निपटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 105 जो पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ है, इसकी फोरलेनिंग का कार्य 1243 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।

इस साल 8 सड़क परियोजनाओं के अवार्ड करने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि 8520 करोड़ रुपए की 4 बड़ी टू-लेन तथा फोरलेन परियोजनाएं हैं, जिनके निविदाएं अभी आमंत्रित नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालय शिमला के अंतर्गत प्रिया 909 करोड़ रुपए की 175 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं के कार्य किए जाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मुख्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने केंद्रीय राज्य मंत्री को बताया कि उनके पास 786 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं के निर्माण का कार्य है, जिनमें 192 किलोमीटर परवाणु-शिमला, 236 किलोमीटर कीरतपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली व शिमला से मटौर के कार्य का अवार्ड कर दिया गया है। पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ कॉरिडोर तथा पठानकोट से मंडी के कार्य अभी करने हैं। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के फोरलेन अथवा टू-लेन बन जाने से 132 किलोमीटर की लंबाई कम होगी। उन्होंने कहा कि इस साल 8 सड़क परियोजनाओं के अवार्ड करने का लक्ष्य है, जिनमें से 4 की निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं।

यहां डंपिंग साइट की रहती है दिक्कत 

अब्दुल बासित ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां पर डंपिंग साइट की काफी दिक्कत रहती है और वन भूमि की क्लीयरैंस करवाना भी टेढ़ी खीर है, इसके कारण सड़क परियोजनाओं के निर्माण में देरी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि 11 परियोजनाओं पर काम चला है। इस पर वीके सिंह ने आश्वस्त करवाया है कि फोरैस्ट क्लीयरैंस को लेकर दिक्कत नहीं आनी चाहिए। इसको लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने सड़क निर्माण कार्य तेजी से निपटाने को कहा। रविवार को वीके  सिंह कुल्लू से दिल्ली लौट गए।

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