Edited By Ekta, Updated: 21 Aug, 2018 09:48 AM
प्रदेश सरकार नगर एवं ग्राम नियोजन नियमों (टी.सी.पी.) में ढील देकरअवैध भवन मालिकों को राहत दे सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए सोमवार को आयोजित बैठक में कानूनी राय लेने को कहा है। बैठक में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश स्टडी करने के बाद...
शिमला (देवेंद्र): प्रदेश सरकार नगर एवं ग्राम नियोजन नियमों (टी.सी.पी.) में ढील देकरअवैध भवन मालिकों को राहत दे सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए सोमवार को आयोजित बैठक में कानूनी राय लेने को कहा है। बैठक में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश स्टडी करने के बाद रिटैंशन पॉलिसी लाने, सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने या फिर हाईकोर्ट जाने केतीनों विकल्पों को लेकर चर्चा की गई। कानूनी राय लेने के बाद सरकार हिमाचल हाईकोर्ट जा सकती है।
इस मौके पर प्रधान सचिव टी.सी.पी. प्रबोध सक्सेना ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से रिटैंशन पॉलिसी को लेकर विस्तृत जानकारी दी। प्रदेश में 30,000 से ज्यादा अवैध भवन बताए जा रहे हैं। एन.जी.टी. के आदेशों के बाद इनके नियमितीकरण पर तलवार लटक गई है। इसी तरह एन.जी.टी. ने शिमला में अढ़ाई मंजिल निर्माण की शर्त, ग्रीन और कोर एरिया में निर्माण पर पूरी तरह से रोक, अवैध निर्माण तोड़ने तथा 35 डिग्री से अधिक की ढलान पर भी रोक के आदेश दे रखे हैं। हालांकि इसके खिलाफ राज्य सरकार ने एन.जी.टी. में पुनर्विचार याचिका भी दायर
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील करने पर विचार
राज्य सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने कुछ बिंदुओं पर एन.जी.टी. के आदेश उसके क्षेत्राधिकार से बाहर बताए हैं। इन बिंदुओं पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील करने पर विचार कर रही है। इससे पहले कानूनी पहलुओं को देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शिमला, कसौली, मनाली और धर्मशाला के लिए डिवैल्पमैंट प्लान बनाने केभी निर्देश दिए हैं ताकि इस प्लान को कोर्ट के समक्ष रखकर अवैध भवन मालिकों को कुछ राहत दिलाई जा सके। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बीते साल 16 नवम्बर के आदेशों से अवैध भवन मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है।