Edited By Ekta, Updated: 07 Jan, 2019 12:16 PM
आज भी इस समय में कहीं न कहीं किसी के अंदर ईमानदारी जिंदा है। इसकी एक मिसाल जिया गांव के यूसुफ ने दी है। यूसुफ टाटा सूमो चलाता है। शनिवार को वह अपनी सूमो में मुंबई के पर्यटकों को मणिकर्ण घाटी के जय नाला से कसोल घुमाने ले गया। इस दौरान पर्यटक का 87...
कुल्लू (ब्यूरो): आज भी इस समय में कहीं न कहीं किसी के अंदर ईमानदारी जिंदा है। इसकी एक मिसाल जिया गांव के यूसुफ ने दी है। यूसुफ टाटा सूमो चलाता है। शनिवार को वह अपनी सूमो में मुंबई के पर्यटकों को मणिकर्ण घाटी के जय नाला से कसोल घुमाने ले गया। इस दौरान पर्यटक का 87 हजार का मोबाइल फोन गाड़ी में ही गिर गया। यूसुफ को घर पहुंचने पर जैसे ही गाड़ी में मोबाइल दिखा तो उसने लौटने के लिए पर्यटकों की तलाश शुरू कर दी।
मोबाइल से पर्यटक से संपर्क साधा और उनके बारे पूरी जानकारी जुटाई कि इस समय वे लोग कहां पर हैं। मणिकर्ण के बाद मनाली घूमने निकले पर्यटकों को वापसी पर सूमो चालक ने ईमानदारी पूर्वक उनका मोबाइल लौटाया। यूसुफ की ईमानदारी देख सभी पर्यटक उसकी प्रशंसा किए बिना नहीं रहे और कहने लगे कि हिमाचल को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता, सच में देवभूमि में आज भी इंसानियत जिंदा है।