Edited By Kuldeep, Updated: 24 Jun, 2019 07:41 PM
हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से पहले सुंदरनगर, नाचन और बल्ह क्षेत्र की खड्डों में अवैध खनन माफिया का धंधा खूब फल फूल रहा है।
सुंदरनगर, (नितेश सैनी) हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से पहले सुंदरनगर, नाचन और बल्ह क्षेत्र की खड्डों में अवैध खनन माफिया का धंधा खूब फल फूल रहा है। आलम यह है कि माफिया द्वारा विभिन्न खड्डों में पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन जोरों पर जारी है। सुकेती खड्ड, कंसा खड्ड, घांंघल खड्ड और इसके साथ लगती सहायक खड्डों में माफिया इन दिनों धरती का सीना खुलेआम छलनी कर रहा है। घांंघल खड्ड मेें हो रहे खनन से खड्ड में करीब 20 से 25 फुट गहरे खड्डे हो गए हैं। जिससे आसपास के जल स्त्रोतों को खतरा पैदा होने के साथ-साथ बरसात के मौसम में किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहे हैं। लेकिन इस गोरखधंधे पर अंकुश लगाने में पुलिस, पर्यावरण विभाग, स्थानीय प्रशासन और अन्य कई विभाग पूरी तरह से विफल साबित हुए है। जिस कारण खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं। यहां से रोजाना दर्जनों वाहनों में रेत-बजरी की खेप आसपास के इलाकों में सप्लाई की जा रही है।
विभाग इस अवैध कारोबार को रोकने में नाकाम
मई माह के अंत तक जो ट्रैक्टर ट्रॉली 2000 रुपए में मिल रही थी, अब उसका दाम बढ़कर 2700 रुपए हो गया है। बरसात के तीन महीनों जुलाई, अगस्त और सितम्बर में नदी-नालों में पानी बढ़ जाता है। जिस कारण खनन का कारोबार बंद हो जाता है। लेकिन भवन निर्माण के लिए यह तीनों माह बेहतर माने जाते हैं। इसलिए इन तीनों माह में अन्य समय के मुकाबले रेत-बजरी की अधिक मांग रहती है। यह बात माफिया को भी मालूम रहती है इसलिए वह पहले ही विभिन्न स्थानों पर खनन कर स्टॉक इकट्ठा कर लेते हैं। गौरतलब है कि घांंघल खड्ड क्षेत्र बी.एस.एल. थाना से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है। लेकिन पुलिस विभाग और स्थानीय प्रसाशन इन अवैध कारोबार पर शिकंंजा कसने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
मीडिया का कैमरा देख रफू चक्कर हो गए खनन माफिया
सवांदाता नितेश सैनी खनन माफिय का अवैध रूप से जारी खनन के धंधे को उजागर करने के लिए सुंदरनगर की घांघल खड्ड पहुंचे लेकिन जैसे ही खनन माफिया की नजर कैमरे पर पड़ी तो खनन माफिया अपना सामान छोड़ वहाँ से रफू चक्कर हो गए। बता दें कि यह क्षेत्र बी.एस.एल. थाना से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है लेकिन पुलिस विभाग और स्थानीय प्रसाशन इन अवैध कारोबार को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
पानी के स्त्रोत खनन की बजह से मिटने की कगार पर हंै
अधिवक्ता एव सामाजिक कार्यकत्र्ता रजनीश शर्मा ने मामले का कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा की मंडी जिला के अलग-अलग विधानसभाओं में खनन माफिया अवैध रूप से इस काम को अंजाम दे रहा है यहां पर आसपास के एरिया में पानी के स्त्रोत हैं लेकिन खड्ड में हो रहे खनन की बजह से मिटने की कगार पर हंै, प्रदेश सरकार ने 30 से ज्यादा विभागों को खनन माफिया पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं लेकिन सभी विभाग कार्यवाही करने के नाम पर हाथ पीछे खींच रहे हैं सभी विभाग के अधिकारी सिर्फ और सिर्फ दफ्तरों में बैठकर ठंडी हवा खाने तक सिमित हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द खनन को रोका जाए और आज तक जो भी अधिकारी खनन माफियाओं पर कार्यवाही नहीं कर पाया है उन्हें जल्द अपने पदों से बर्खास्त किया जाए।