Edited By Kuldeep, Updated: 24 Jun, 2024 06:19 PM
हिमाचल प्रदेश सरकार के अंतर्गत फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के दूसरे चरण के तहत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई हमीरपुर में महिला, बाल मामले और महिला सशक्तिकरण मंत्रालय श्रीलंका तथा जायका-श्रीलंका के अधिकारियों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने...
हमीरपुर (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश सरकार के अंतर्गत फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के दूसरे चरण के तहत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई हमीरपुर में महिला, बाल मामले और महिला सशक्तिकरण मंत्रालय श्रीलंका तथा जायका-श्रीलंका के अधिकारियों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्कृष्टता केंद्र बड़ा और राधे कृृष्णा स्वयं सहायता समूह जंदली गुजरां का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूह की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, समूहों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान करना व उनके सशक्तिकरण के लिए संभावित समाधान करना था। जायका के राज्य परियोजना निदेशक डा. सुनील चौहान ने बताया कि जायका चरण-1 के तहत जिला हमीरपुर में लगभग 32 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं व इन समूहों के मूल्य संवर्द्धन के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह दौरा श्रीलंका के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में कृषि और ग्रामीण विकास की दिशा में किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों को गहरी समझ प्रदान करेगा व यह दौरा दोनों देशों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि यह दौरा ग्रामीण परिपेक्ष्य से जुड़ी महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने खंड परियोजना प्रबंधन इकाई के अंतर्गत बनाए जा रही सब्जी की फसलों की नर्सरी के उत्पादन के लिए उत्कृष्टता केंद्र बड़ा का दौरा किया। यह केंद्र विशेष रूप से हमीरपुर जिले और आसपास के क्षेत्रों के उन्नत सब्जी उत्पादकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। समूह के द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। श्रीलंका की टीम ने इन महिलाओं को अपने कार्य के प्रति उत्साहित देखकर महिलाओं को आगे बढ़ने व आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
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