Edited By Vijay, Updated: 12 Sep, 2024 04:07 PM
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी ने वीरवार को अपना पहला दीक्षांत समारोह मनाया। समारोह में 36 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए गए जबकि विभिन्न विभागों के 297 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की उपाधियां देकर सम्मानित किया गया।
मंडी (रजनीश): सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी ने वीरवार को अपना पहला दीक्षांत समारोह मनाया। समारोह में 36 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए गए जबकि विभिन्न विभागों के 297 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की उपाधियां देकर सम्मानित किया गया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी शिव प्रताप शुक्ल रहे, जिन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को मैडल और डिग्रियां प्रदान कीं। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर एवं सदस्य के रूप में विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद और आचार्य राजीव अहूजा निदेशक आईआईटी रोपड़ मौजूद रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा एक सतत् प्रक्रिया है और यह केवल उपाधि प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं है। शिक्षा का महत्व अनमोल है, यह केवल ज्ञान का स्रोत नहीं बल्कि यह व्यक्ति समाज और राष्ट्र की समग्र विकास का साधन है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीनकाल से ही उच्चतर शिक्षा एक समृद्ध और व्यवस्थित परंपरा रही है। उच्चतर शिक्षा में भारत ज्ञान और संस्कृति का केंद्र रहा है। नालंदा विक्रमशिला तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय में विश्वभर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे। छात्रों से आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैं चाहता हूं आप अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में कार्य करें, उसे पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी, नैतिकता और सामाजिक सरोकार की भावना से करें तथा समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी अग्रणी भूमिका को सुनिश्चित करें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 काे चरणबद्ध रूप से लागू करने के निर्णय, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की स्थापना तथा विभिन्न अकादमिक समितियां का गठन सहित विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए किए गए निर्णय की प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि विधायक चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने अपना शैक्षिक सफर मंडी शहर से शुरू किया। विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जीवन में संघर्षों से सीखना चाहिए और अब उनका समाज को लौटाने का समय है। आईआईटी रोपड़ के निदेशक आचार्य राजीव आहूजा ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय को एकेडमिक्स के साथ रिसर्च में भी आगे बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें हाई क्वालिटी रिसर्च करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि बेसिक साइंस नवाचार की जननी है और हमें इसमें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
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