Edited By kirti, Updated: 25 Jun, 2018 02:22 PM
ऐतिहासिक 3 दिवसीय मैहला जातर मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या सोनम चौधरी के नाम रही। शनिवार को मैहला के जालपा माता मंदिर परिसर के समीप आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में हिमाचली गायिका सोनम चौधरी ने हिंदी व पंजाबी गीतों का गुलदस्ता पेश कर लोगों का भरपूर...
चम्बा : ऐतिहासिक 3 दिवसीय मैहला जातर मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या सोनम चौधरी के नाम रही। शनिवार को मैहला के जालपा माता मंदिर परिसर के समीप आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में हिमाचली गायिका सोनम चौधरी ने हिंदी व पंजाबी गीतों का गुलदस्ता पेश कर लोगों का भरपूर मनोरंजन कर इस सांस्कृतिक संध्या को अपने नाम किया। सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत लोक गायक सुभाष कुमार के कार्यक्रम से हुई। सुभाष कुमार ने एक के बाद एक पहाड़ी गीत पेश किए। इस सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्यातिथि जिला भाजपा अध्यक्ष डी.एस. ठाकुर ने अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।
मैहला पंचायत की प्रधान नारो देवी व उपप्रधान मनोज जसरोटिया ने मुख्यातिथि को शॉल व टोपी पहनाकर और स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यातिथि ने जातर मेले के दौरान आयोजित विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी बांटे। इस मौके पर जिला भाजपा महामंत्री जय सिंह, पूर्व जिला परिषद सदस्य चैन लाल व पी.टी.एफ . चम्बा के जिला प्रधान रमेश बिजलवान भी विशेष तौर से मौजूद रहे। मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में सोनम चौधरी ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की। सोनम चौधरी ने ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं व मेरे रशके कमर तूने पहली नजर सरीखे गीत गाकर युवा दर्शकों को अपना कायल बना लिया। इस मेले के बारे में जानकारी देते हुए बैंक अधिकारी एवं स्थानीय निवासी एल.आर. ठाकुर ने बताया कि मैहला जातर का आज के दौर में बेहत महत्व है।
उन्होंने कहा कि इस 3 दिवसीय मेले में समाज के सभी वर्गों को एकजुट रहने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि 6 जातरों के रूप में समाज के हर वर्ग से एक दिन एक जातर मैहला के ऐतिहासिक जालपा माता मंदिर में आती है और उसमें समाज के सभी वर्ग शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मेले ही समाज को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अभिनीत करते हैं। मेले के दौरान कानून व सुरक्षा व्यवस्था बेहतर रखने को लेकर पुलिस की ओर से पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे।