SJVN हिमाचल में करेगा 23 हजार करोड़ का निवेश, युवाओं को मिलेगा रोजगार

Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2021 07:59 PM

sjvn will invest 23 thousand crores in himachal

33 वर्षों के सफल कार्यकाल के बाद एसजेवीएन अब आगामी 9 वर्षों में 75 हजार करोड़ का निवेश करेगा। इस निवेश में 23 हजार करोड़ का निवेश सिर्फ हिमाचल में होगा, जिससे प्रदेश के सभी वर्ग में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे, वहीं व्यापार भी बढ़ेगा और...

शिमला (राजेश): 33 वर्षों के सफल कार्यकाल के बाद एसजेवीएन अब आगामी 9 वर्षों में 75 हजार करोड़ का निवेश करेगा। इस निवेश में 23 हजार करोड़ का निवेश सिर्फ हिमाचल में होगा, जिससे प्रदेश के सभी वर्ग में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे, वहीं व्यापार भी बढ़ेगा और प्रदेश उन्नति की ओर अग्रसर होगा। यह बात शुक्रवार को एसजेवीएन अध्यक्ष नंदलाल शर्मा ने प्रैसवार्ता के दौरान पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने हिमाचल में 23 हजार करोड़ के निवेश पर कहा कि आने वाले समय में निगम सतलुज बेसीन के अलावा सुन्नी, चिनाब, लाहौल-स्पीति के पांगी में नए प्रोजैक्ट पर काम शुरू करेगा। इसके अलावा 1000 करेाड़ के सोलर पावर प्रोजैक्ट भी निगम के लिए मंजूरी हुआ है। इसके लिए जगह उपलब्ध होने पर निगम यहां पर काम शुरू करेगा। काजा में 880 मैगावाट के सोलर पावर प्लांट के लिए ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के काम का फिर से सर्वे किया जा रहा है। दिसम्बर तक इसकी डीपीआर तैयार कर दी जाएगी। इस प्रोजैक्ट को पूरा होने में 3 साल का समय और लगेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि काजा की तरह सोलर प्रोजैक्ट की जहां भी संभावना है। वहां पर एसजेवीएन सोलर प्रोजैक्ट बनाएगा, जिससे सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। 

एसजेवीएन जबदस्ती कहीं भी नहीं बनाएगा प्रोजैक्ट

मानसून के दौरान किन्नौर में हुए हादसों पर प्रोजैक्टों को कारण बताने पर नंदलाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन प्रदेश में जबरदस्ती कहीं भी प्रोजैक्ट नहीं बनाएगा। प्रोजैक्ट शुरू करने से पहले लोकल स्टेट होल्डर की सहमती ली जाएगी और उनकी सहमती से ही प्रोजैक्ट बनेंगे। उन्होंने कहा कि लैंड स्लाइड में प्रोजैक्ट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन कोई भी प्रोजैक्ट ऐसे शुरू नहीं होते विभिन्न विभागों की देखरेख में सर्वे होने के बाद ही प्रोजैक्ट शुरू किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन जगहों पर भी लैंड स्लाइड होते हैं, जहां पर प्रोजैक्ट नहीं लगेंगे। उन्होंने कहा कि अब प्रोजैक्ट में नई आधुनिक तरीकों को अपनाया जा रहा है। पहले टनल निकालने के लिए ब्लास्टिंग व ड्रिल का प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब टीवीएम तकनीक से टनल निकाली जाती है, जिसमें एक सिरे से मशीन कार्य शुरू करती है और दूसरी ओर से टनल का पूरा होने के बाद ही बाहर आती है।

निर्माणाधीन चरण में एसजेवीएन की 10 परियोजनाएं

एसजेवीएन की 10 परियोजनाएं निर्माणाधीन चल रही हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का निवेश हो रहा है। इनमें 900 मैगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना नेपाल, 60 मैगावाट नैटवाड मोरी जल विद्युत परियोजना युमना नदी। 130 मैगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना, 600 मैगावाट खोलोंग्चू जल विद्युत परियोजना भूटान, 210 मैगावाट लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना, 66 मैगावाट धौलासिद्ध हमीरपुर, गुजरात में स्थापित 70 मैगावाट सौर विद्युत परियोजना, यूपी में स्थापित 75 मैगावाट सौर ऊर्जा, बिहार में स्थापित 200 मैगावाट की सौर विद्युत परियोजना और इरेडा द्वारा आंबटित 1 हजार मैगावाट विद्युत परियोजना शामिल है।

अध्यक्ष ने गिनवाईं एसजेवीएन की विशेषताएं

प्रैस वार्ता के दौरान अध्यक्ष नंदलाल शर्मा ने एसजेवीएन की विशेषताएं गिनवाईं और 33 वर्षों के कार्यकाल का विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वर्ष 1988 से 1 प्रोजैक्ट से शुरू आज 32 प्रोजैक्ट तक पहुंच गई है, वहीं नाथपा झाकड़ी प्रोजैक्ट से 3 हजार करोड़ से शुरू किए गए प्रोजैक्ट अब 35 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में नाथपा झाकड़ी प्रोजैक्ट की एसजेवीएन ने अब तक सबसे अधिक पूर्व लाभ 2168.67 करोड़ रुपए दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त प्रति शेयर आय वर्ष 2019-20 में 3.96 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर 2021 में 4.16 रुपए प्रति शेयर पहुंच गया है। इसके साथ एसजेवीएन ने 2020-21 के लिए 2.20 रुपए प्रति शेयर लाभांश घोषित किया है।

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