Edited By Kuldeep, Updated: 20 Jan, 2024 08:41 PM
प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्कूल लैक्चरार के पीएच.डी. कोटे को खत्म कर दिया है। ऐसे में उक्त कोटे के तहत पीएच.डी. करने का सपना देख रहे स्कूल लैक्चरार को झटका लगा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना में स्कूल लैक्चरार के लिए पीएच.डी. में रखे...
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्कूल लैक्चरार के पीएच.डी. कोटे को खत्म कर दिया है। ऐसे में उक्त कोटे के तहत पीएच.डी. करने का सपना देख रहे स्कूल लैक्चरार को झटका लगा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना में स्कूल लैक्चरार के लिए पीएच.डी. में रखे गए कोटे को खत्म कर दिया गया है। विश्वविद्यालय में पिछले महीने हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के मुताबिक स्कूल लैक्चरारों को अब विश्वविद्यालय में पीएच.डी. में प्रवेश के लिए किसी तरह का कोई कोटा नहीं मिलेगा। हालांकि विश्वविद्यालय में कॉलेज और विश्वविद्यालय के लैक्चरार को एक सीट हर विभाग में आरक्षित की गई है, लेकिन प्रशासन ने कोटा खत्म कर दिया है। विश्वविद्यालय से पीएच.डी. कर रहे सभी छात्रों को अब विभाग में हाजिरी लगाना भी अनिवार्य किया है।
यू.जी.सी. की नई शर्त के तहत छात्रों को पीएच.डी. के दौरान विभाग में हाजिरी लगाना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे पूरी तरह से लागू कर दिया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन में एक अन्य अधिसूचना भी जारी की है, जो पीएच.डी. के संदर्भ में है। इसके तहत जिन छात्रों ने पीएच.डी. में प्रवेश लिया था, उनके पीएच.डी. के प्रवेश को कार्यकारी परिषद की मंजूरी अनिवार्य थी। उन्हें भी यह मंजूरी दे दी गई है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव की ओर से ये अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।