Edited By Kuldeep, Updated: 19 Oct, 2021 08:24 PM

हिमाचल प्रदेश में एन.डी.आर.एफ. बटालियन के लिए अब तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2018 में उत्तराखंड, दिल्ली व जम्मू-कश्मीर के अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए भी बटालियन को स्वीकृत किया गया था।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश में एन.डी.आर.एफ. बटालियन के लिए अब तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2018 में उत्तराखंड, दिल्ली व जम्मू-कश्मीर के अलावा हिमाचल प्रदेश के लिए भी बटालियन को स्वीकृत किया गया था। उस समय इसके लिए कांगड़ा जिले के नूरपुर में अस्थायी ठिकाने के रूप में जगह को तलाश किया गया था। साथ ही मंडी जिले के बल्ह में भी इसके लिए जमीन तलाशी गई थी, लेकिन अभी तक एन.डी.आर.एफ. के नाम भूमि का तबादला नहीं हो पाया है।
मौजूदा समय में प्रदेश में एन.डी.आर.एफ. बटालियन के लिए करीब 950 जवानों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। एन.डी.आर.एफ. के कमांडैंट बलजिंद्र सिंह ने बटालियन के सिलसिले में मंगलवार को मुख्य सचिव राम सुभग सिंह से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान बल्ह में एन.डी.आर.एफ. के लिए चिन्हित भूमि के तबादले का मुद्दा भी उठाया। इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कमांडैंट बलजिंद्र सिंह ने कहा कि एन.डी.आर.एफ. के बल्ह हैडक्वार्टर में 500 एन.डी.आर.एफ. के जवान तैनात होंगे।
इसके अलावा रामपुर में 150 तथा नूरपुर में 300 जवानों की तैनाती होगी। इसी तरह बद्दी में भी जवानों को तैनात करने की योजना है। उल्लेखनीय है कि किसी भी प्राकृतिक या अन्य तरह की आपदा से निपटने के लिए एन.डी.आर.एफ. के मदद की आवश्यकता रहती है। इसके अलावा प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी तरह के प्रतिकूल हालात से निपटने के लिए बटालियन की आवश्यकता रहती है।