Edited By Kuldeep, Updated: 10 Jun, 2019 03:59 PM
हिमाचल के शहरों एवं उद्योगों से करीब 342 टन कूड़ा (वेस्ट) निकल रहा है। इसमें अकेले सोलन जिला के औद्योगिक क्षेत्रों से करीब 70 टन वेस्ट निकल रहा है, जिसे वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने में सरकार को दिक्कतें आ रही हैं।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल के शहरों एवं उद्योगों से करीब 342 टन कूड़ा (वेस्ट) निकल रहा है। इसमें अकेले सोलन जिला के औद्योगिक क्षेत्रों से करीब 70 टन वेस्ट निकल रहा है, जिसे वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने में सरकार को दिक्कतें आ रही हैं। इससे निपटने के लिए सरकार ने सॉलिड वेस्ट से बिजली और खाद बनाने का निर्णय लिया है, ताकि इससे लाभ हो सके। इसके अलावा कूड़ा-कचरा अनावश्यक तौर पर इधर-उधर न फैले, इसके लिए सरकार ने 3,000 नए इको क्लब बनाने का निर्णय लिया है, जो स्कूल, पंचायत और शहरी निकाय स्तर पर लोगों को जागरुक करंेगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष, 2018-19 के लिए भी मुख्यमंत्री के हाथों सरकार की तरफ से राज्य स्तर पर पर्यावरण पुरस्कार वितरित किए गए हैं और भविष्य में भी इसके क्रम को जारी रखा जाएगा। इको क्लब के अलावा इस क्षेत्र में काम करने वाली अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी।
औद्योगिक क्षेत्र व शहरी निकाय में प्लांट लगाने पर ध्यान
औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा शहरी निकायों में कूड़ा ठिकाने लगाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट लगाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें कूड़े को वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने के अलावा इससे बिजली एवं खाद बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। बिजली के पैदा होने से जहां आय बढ़ेगी, वहीं खाद तैयार होने से इसका खेतों एवं बागीचों में प्रयोग किया जा सकेगा। इसी तरह आने वाले समय में सरकार नॉन रिसाइक्लिबल पॉलीथीन वापस खरीदने की योजना बना रही है।
कहां से निकलता है कितना वेस्ट
प्रदेश में इस समय 342 टन वेस्ट निकलता है। इसमें सोलन जिला के औद्योगिक क्षेत्रों बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ सहित साथ लगते क्षेत्रों से करीब 70 टन कूड़ा निकलता है। इसी तरह नगर निगम शिमला में 90 टन, रामपुर में 4.50 टन, ठियोग में 4.50 टन, नारकंडा में 0.80 टन, सुन्नी में 0.60 टन, चौपाल में 0.40 टन, चौपाल में 0.40 टन, कोटखाई में 0.45 टन, सुजानपुर में 1.90 टन, भोटा में 0.80 टन, नगर निगम धर्मशाला में 18 टन, कांगड़ा में 6 टन, पालमपुर में 1.50 टन, नूरपुर में 4 टन, देहरा में 1.80 टन, नगर परिषद सोलन में 20 टन, जुब्बल में 0.30 टन, रोहड़ू 1 टन, अर्की में 1.50 टन, नाहन में 10 टन, पांवटा में 9 टन, राजगढ़ में 1 टन, घुमारवीं में 3 टन, तलाई में 0.60 टन, एम.सी. ऊना में 6 टन, गगरेट 2.10 टन दौलतपुर में 2 टन, मैहतपुर में 4 टन, संतोखगढ़ में 4.50 टन, टालीवाल में 1.80 टन, हमीरपुर में 15 टन, नादौन में 0.70 टन, नगरोटा में 4 टन, ज्वालामुखी में 2.10 टन, ज्वाली में 5.20 टन, चंबा 8.50 टन, डल्हौजी में 2.50 टन, चुवाड़ी 0.30 टन, मंडी में 23 टन, सुंदरगनर में 13.50 टन, नेरचौक में 8.20 टन, सरकाघाट में 1.50 टन, जोगिंद्रनगर में 1.20 टन, रिवालसर में 0.60 टन, करसोग 1 टन, कुल्लू में 10 टन, मनाली में 12 टन व भुंतर में 2.50 टन और बंजार में 0.50 टन वेस्ट निकलता है।