मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का सदन से वॉकआऊट

Edited By Kuldeep, Updated: 15 Mar, 2021 11:46 PM

shimla chief minister reply opposition dissatisfied

प्रदेश विधानसभा में बजट अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआऊट कर दिया।

शिमला (राक्टा): प्रदेश विधानसभा में बजट अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआऊट कर दिया।  इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को पूरी बात को सुनना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मकसद से विपक्ष ने सदन से वॉकआऊट किया है। उन्होंने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार शगुन योजना के तहत प्रदेश में सामान्य श्रेणी की बी.पी.एल. वर्ग से संबंधित बेटियों को भी 31 हजार रुपए का शगुन देगी। मुख्यमंत्री ने राज्य में कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान देने की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि नए वेतनमान के एवज में सरकार कर्मचारियों को अंतरिम राहत के तौर पर 5066 करोड़ रुपए के लाभ दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट 31 मार्च तक आनी है। सरकार इसका अध्ययन कर लागू करने बारे निर्णय लेगी। जयराम ठाकुर ने प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार के 3 साल व वर्तमान सरकार के 3 सालों के कार्यकाल के दौरान योजना राशि के खर्च का तुलनात्मक ब्यौरा भी सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रदेश में बिजली के मीटर लगाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग कीमत निर्धारित करने के मामले में ऊर्जा मंत्री द्वारा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि तथ्य सही हुए तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एन.पी.एस. कर्मचारियों के लिए सरकारी अंशदान को 10 से बढ़ाकर 14 किया है। इनका मामला सरकार के विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों की ग्रेड पे में 25 फीसदी का इजाफा किया है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के इन आरोपों की भी खारिज किया कि पुलिस विभाग में कांस्टेबलों की भर्ती अनुबंध आधार पर हुई है। उन्होंने कहा कि कांस्टेबलों की भर्ती नियमित आधार पर होती है और विपक्ष को बोलने से पहले बजट का अध्ययन कर लेना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने तय सीमा के भीतर ही कर्ज लिया है और प्रदेश के दिवालियापन के कगार पर पहुंचाने के विपक्ष के आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में प्रदेश पर ऋणों का बोझ 28707 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 47906 करोड़ रुपए कर दिया, जबकि मौजूदा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में ऋणों का बोझ सिर्फ  60544 करोड़ रुपए तक ही पहुंचा है। उन्होंने कहा कि राज्य के अपने संसाधन कम होने के कारण विकास को बिना कर्ज के नहीं बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान सरकार का प्रयास रहा कि ऋण लेने से बचा जाए, इसलिए भारत सरकार से अनुमति होने के बावजूद भी अनुमति से कहीं कम ऋण खुले बाजार में लिया गया।

विपक्ष की हताशा में भी दिख रहा असर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 वर्षों में से 2 वर्ष काम करने का मौका मिला। एक वर्ष कोरोना संकट के कारण जितना काम किया जा सकता था, उतना काम किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने धरातल पर ही काम किया है और असर विपक्ष की हताशा में भी दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग को कुछ न कुछ राहत प्रदान करने की कोशिश की गई। बजट पर हुई चर्चा में कुल 34 सदस्यों ने भाग लिया।  

केंद्र के समक्ष उठाया गया मामला
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के चलते संसाधन प्रभावित हुए हैं। लिहाजा केंद्र सरकार ने राज्यों को दो विकल्प दिए थे। प्रदेश सरकार ने इसके तहत पहला विकल्प चुना है। इसके तहत ऋण पर ब्याज और मूलधन का भुगतान केंद्र सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि जून 2022 के बाद जी.एस.टी. क्षति पूर्ति भत्ता जारी रखने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया है।

जनमंच के नाम से विपक्ष को करंट
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को जनमंच के नाम से करंट लग जाता है और उलटे-सीधे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनमंच कोविड के कारण प्रभावित हुआ है, लेकिन उसके बावजूद यदि लोगों की समस्याएं उनके घर-द्वार जाकर हल होती हैं तो उसमें क्या बुरा है। 

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