शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है शिल्ली पंचायत का राजकीय उच्च विद्यालय, बच्चों की पढ़ाई पर संकट!

Edited By Jyoti M, Updated: 09 Jun, 2025 11:09 AM

shilli panchayat s government high school is facing shortage of teachers

जिला कुल्लू उपमंडल बंजार के दूर दराज क्षेत्र शिल्ली पंचायत का राजकीय उच्च विद्यालय पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। यहां पढ़ने वाले 52 बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। स्कूल में कुल सात शिक्षकों के पद खाली हैं, जिनमें...

कुल्लू (दिलीप)। जिला कुल्लू उपमंडल बंजार के दूर दराज क्षेत्र शिल्ली पंचायत का राजकीय उच्च विद्यालय पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। यहां पढ़ने वाले 52 बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। स्कूल में कुल सात शिक्षकों के पद खाली हैं, जिनमें हेडमास्टर और अन्य अध्यापक शामिल हैं।

इस विद्यालय में शिक्षकों के साथ-साथ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद भी वर्ष 2012 से खाली है, जिस कारण साफ-सफाई और अन्य जरूरी कामों में भी बाधा आ रही है। हाल ही में जो अस्थायी कर्मचारी भेजी गई थीं, उन्हें भी 6 जून को वापस भेज दिया गया है। शिक्षा खण्ड बंजार के राजकीय उच्च विद्यालय शिल्ली में हेडमास्टर का पद अप्रैल 2022 से, टीजीटी मेडिकल जुलाई 2022 से,टीजीटी नॉन मेडिकल जुलाई 2024 से, टीजीटी आर्ट्स सितंबर 2022 से शास्त्री का पद मार्च 2022 से, ड्राइंग मास्टर अगस्त 2013 से,पीटीआई वर्ष 2016 से और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद 2012 से अभी तक रिक्क्त चले है।

ग्राम पंचायत शिल्ली की प्रधान शेतू देवी, उपप्रधान मोहर सिंह, वार्ड सदस्य भीमसेन व सीता देवी और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष दलीप सिंह, सदस्यों गोविंद सिंह, डूर सिंह, बहादुर सिंह, सरनु राम, सीता देवी, कांता देवी, जयचंद, खिला देवी, फूला देवी, रणजीत सिंह, केहर सिंह सहित अनेक ग्रामीणों जैसे दलीप सिंह, यशपाल, रीत राम, धने राम, ओम प्रकाश, मदन लाल आदि बताया कि अभी इस स्कूल में केवल दो ही अध्यापक जिसमें मोहनलाल टीजीटी आर्ट्स और सीमा ठाकुर भाषा अध्यापक ही कार्यरत है।

लोगों का कहना है कि इस स्कुल भवन में अभी तक पांच कक्षाओं के लिए दो ही कमरे बने है जिससे भी असुविधा हो रही है। विद्यालय प्रबंधन समिति, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मिलकर सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि शीघ्र सभी रिक्त पदों को भरा जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके।

अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सत्ता रही है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बच्चों का भविष्य अन्धकारमय होगा। स्थानीय लोगों ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि शिक्षा के इस संकट का जल्द से जल्द हल निकाला जाए और खाली पड़े शिक्षकों के पदों को शीघ्र भरा जाए।

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