हिमाचल में एक साल में बनीं 122 दवाइयों के सैंपल फेल

Edited By Vijay, Updated: 17 Jan, 2019 10:25 PM

samples fail of 122 medicines in made in himachal

प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 122 दवाइयों के सैंपल फेल हुए है। हैरानी की बात है कि देश में करीब 385 दवाइयों के सैंपल फेल हुए, उसमें 122 दवाइयां हिमाचल की हैं। इससे प्रदेश में बन रही दवाइयों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। केन्द्रीय दवा...

सोलन (नरेश): प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 122 दवाइयों के सैंपल फेल हुए है। हैरानी की बात है कि देश में करीब 385 दवाइयों के सैंपल फेल हुए, उसमें 122 दवाइयां हिमाचल की हैं। इससे प्रदेश में बन रही दवाइयों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सी.डी.सी.ओ.) हर माह ड्रग जारी करता है। इसमें औसतन हर चौथी दवा हिमाचल में बन रही है जिसका सैंपल फेल हो रहा है। इससे देवभूमि हिमाचल की छवि भी धूमिल हो रही है। हालांकि ड्रग विभाग ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। यही कारण है कि विभाग ने पिछले एक वर्ष में 60 उद्योगों को नोटिस जारी किए हैं और 20 उद्योगों के उत्पादन लाइसैंस निलम्बित किए हैं। इसी का असर है कि प्रदेश में दवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। इससे पूर्व सी.डी.एस.ओ. के ड्रग अलर्ट में औसतन हर तीसरी दवा हिमाचल की होती थी लेकिन अब हर चौथी का सम्बन्ध हिमाचल से है, जिसके सैंपल फेल हो रहे हैं।

9 महीनों में 4 उद्योगों की 18 दवाइयों के सैंपल फेल

प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन., परवाणु, सोलन, पांवटा साहिब, कालाअंब और संसारपुर टैरेस में कार्यरत कुछ उद्योगों की दवाइयों के सैंपल फेल होने के मामले आ रहे हैं। मजेदार बात यह है कि प्रदेश में कई उद्योगों के लगातार सैंपल फेल हो रहे हंै। लगता है कि ऐसे उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। पिछले 9 महीनों में 4 उद्योगों की 18 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हंै। पांवटा साहिब में स्थित एक उद्योग की 7 दवाइयों के सैंपल फेल चुके हंै। इसी तरह परवाणु व बद्दी के एक-एक दवा उद्योग की 4-4 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हंै जबकि नालागढ़ के एक दवा उद्योग की 3 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हंै। ऐसे उद्योगों की संख्या भी कम नहीं है जिनकी एक से अधिक दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि हिमाचल में बन रही दवाओं की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है। कैमिस्ट या स्टोरों में दवाओं के रखरखाव की उचित व्यवस्था न होने के कारण भी सैंपल फेल रहे हैं। इसमें गलती उद्योग की नहीं है।

चालू वित्त वर्ष में 60 उद्योगों को नोटिस जारी

राज्य दवा नियंत्रक बद्दी नवनीत मरवाह ने बताया कि प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में 60 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं। यही नहीं 20 दवा उद्योगों के लाइसैंस भी निलम्बित किए गए हैं। जिन दवा उद्योगों के सैंपल फेल हो रहे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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