Edited By Ekta, Updated: 11 Aug, 2018 10:51 AM
प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना जिले के बंगाणा स्थित सदाशिव महादेव मंदिर ध्यूंसर के अधिग्रहण पर रोक लगाने से फिलहाल इंकार कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने सदाशिव मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना जिले के बंगाणा स्थित सदाशिव महादेव मंदिर ध्यूंसर के अधिग्रहण पर रोक लगाने से फिलहाल इंकार कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने सदाशिव मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के पश्चात कहा कि मंदिर के सभी कार्य कानून के अनुसार चलाए जाएं। कोर्ट ने भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव व निदेशक सहित मंदिर के आयुक्त को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बलबीर सिंह को भी निजी तौर पर प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी ट्रस्ट का आरोप है कि सरकार ने इस मंदिर का अधिग्रहण विधायक बलबीर व बंगाणा के विधायक वीरेंद्र कंवर के दबाव में आकर किया है।
यह मंदिर ट्रस्ट का निजी मंदिर है और यह ट्रस्ट श्रद्धालुओं की अपेक्षाओं के अनुसार काम कर रहा है। सरकार के पास ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है जिसके आधार पर इस मंदिर का अधिग्रहण किया गया। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि भारत देश अन्य धर्मों के लिए धर्मनिरपेक्ष नहीं है और केवल हिंदू धर्म के लिए धर्मनिरपेक्ष है। केवल हिन्दू मंदिरों का अधिग्रहण कर सरकार यह बताना चाहती है कि हिन्दू मंदिरों का रखरखाव व मैनेजमैंट खराब है और बाकी धर्मों के संस्थानों के सही। सरकार की यह सोच असवैंधानिक है। मंदिरों के कार्यक्रमों में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने सरकार से सोमवार तक याचिका पर जवाब तलब किया है। मामले पर सुनवाई 13 अगस्त को होगी।