सड़क किनारे स्कूल वाहन खड़े किए तो होगी कार्रवाई

Edited By Ekta, Updated: 20 Jun, 2018 10:50 AM

road side school vehicle stand up if done will be action

जिला के निजी स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने वाले स्कूली वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था अब स्कूल प्रशासन को खुद करनी होगी। यदि कोई भी स्कूली वाहन सड़क किनारे पार्क दिखाई देता है तो जिला प्रशासन स्कूल प्रशासन पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाएगा। ये...

धर्मशाला (पूजा): जिला के निजी स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने वाले स्कूली वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था अब स्कूल प्रशासन को खुद करनी होगी। यदि कोई भी स्कूली वाहन सड़क किनारे पार्क दिखाई देता है तो जिला प्रशासन स्कूल प्रशासन पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाएगा। ये निर्देश मंगलवार को एस.डी.एम. कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान एस.डी.एम. धर्मशाला ने क्षेत्र के सभी निजी स्कूलों को दिए हैं। मंगलवार को एस.डी.एम. कार्यालय में आयोजित बैठक में क्षेत्र से डेढ़ दर्जन से अधिक निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में एस.डी.एम. ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर निजी स्कूलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनकी अवहेलना होने पर सख्त कार्रवाई करने का मन प्रशासन ने बना लिया है।


एस.डी.एम. धर्मशाला ने निजी स्कूलों को स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल वाहन को सड़क किनारे पार्क नहीं किया जाने चाहिए। यदि कोई स्कूल वाहन सड़क किनारे पार्क किया पाया गया तो स्कूल के खिलाफ  कार्रवाई होगी। निजी स्कूल वाहनों में ओवरलोडिंग पर भी शिकंजा कसा जाएगा। एस.डी.एम. धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा ने बताया कि मंगलवार को उपमंडल के निजी स्कूलों की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में निजी स्कूल प्रतिनिधियों को बच्चों के स्कूल बैग का भार कम करने का विकल्प ढूंढने, स्कूल वाहनों की पार्किंग के लिए व्यवस्था करने और स्कूल वाहनों में ओवरलोडिंग न करने के निर्देश दिए गए हैं। 


स्कूल बैग का भार कम करने का विकल्प ढूंढें स्कूल प्रशासन
बैठक में एस.डी.एम. धर्मशाला ने आजकल बच्चों से भारी होते जा रहे स्कूल बैग के वेट को भी कम करने के निर्देश निजी स्कूलों को दिए गए हैं। यही नहीं बैठक में एस.डी.एम. ने धर्मशाला उपमंडल के अंतर्गत संचालित स्कूल प्रतिनिधियों को स्कूल प्रबंधन से मीटिंग करके स्कूल बैग का वजन कम करने के लिए विकल्प ढूंढने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में पढऩे जाने वाले छोटे बच्चों के स्कूल बैग का भार उनके उठाए जाने की क्षमता से दो गुना अधिक होता है, जिसके चलते छोटे बच्चे बैग के बोझ से ही थक जाते हैं। 
 

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